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पिता की मौत के बाद परिवार का पेट पालने के लिए 10 साल के सुनील ने लगाया ठेला, एक फेसबुक पोस्‍ट से बदल गई जिंदगी

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पटना। कहते हैं बचपन हर गम से बेगाना होता है। हर फ्रिक खिलौने से लगते हैं। लेकिन जरा सोचिए अगर बचपन में ही किसी बच्‍चे को परिवार की जिम्‍मेदारी मिल जाए तो उसकी जिंदगी कैसी होगी। ऐसा ही हुआ है 10 वर्षीय सुनील के साथ। पिता के निधन के बाद से परिवार के 7 लोगों का पेट पालने की जिम्‍मेदारी सुनील पर है। पिता से विरासत में मिली भूजे और आलू चाप का ठेला ही अब सुनील का सहारा है। स्थानीय लोग कहते हैं कि 10 वर्ष का सुनील रोज सुबह घर से ठेला लेकर रेलवे स्टेशन के बाहर लगाने लगा और भूजा और आलूचाप बेचने लगा। विस्‍तार से जानिए पूरी कहानी

परिवार का कोई सहारा नहीं था तो सुनील ने कंधों पर उठाई जिम्‍मेदारी

परिवार का कोई सहारा नहीं था तो सुनील ने कंधों पर उठाई जिम्‍मेदारी

बगहा नगर क्षेत्र के वार्ड नंबर 10 में रहने वाले राजन गोड़ का निधन चार माह पहले हो गया था। राजन ही अपनी 55 वर्षीय विधवा मां, पत्नी और छह बच्चों के भरण पोषण का एकमात्र सहारा थे। राजन की मौत के बाद पूरा परिवार अनाथ और असहाय हो गया। राजन की मौत के बाद पूरे परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ टूट गया। इन सभी की सामने जीवन जीने के लिए दो वक्‍त के भोजन का भी कोई सहारा नहीं रहा तब 10 वर्षीय सुनील ने पूरे परिवार की गाड़ी अपने कंधों पर उठाने की ठानी। पिता के ठेला को लेकर अपने नन्हे कदमों से ठेलते हुए रेलवे स्टेशन के समीप पहुंचा और भूजा बेचने लगा।

फेसबुक पर एक शख्‍स ने डाली सुनील की कहानी तो मदद के लिए आगे आए लोग

फेसबुक पर एक शख्‍स ने डाली सुनील की कहानी तो मदद के लिए आगे आए लोग

एक सप्ताह पहले स्थानीय व्यक्ति और सामाजिक कार्यकर्ता अजय पांडेय की नजर सुनील पर पड़ी जो हाड़ हिला देने वाली ठंड में ग्राहकों के इंतजार में अपने ठेला के पास खड़ा था। अजय पांडेय ने इस तस्वीर और सुनील से पूछताछ के बाद उसके परिजनों की कहानी अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट कर दी। फेसबुक पोस्ट पर मिली प्रतिक्रिया ने लोगो को मदद के लिए किया प्रेरित किया। इस पोस्ट ने सुनील की जिंदगी बदल दी। लोग बड़ी संख्या में मदद के लिए सामने आने लगे। एक सप्ताह के अंदर फेसबुक पर यह पोस्ट संवेदना का केंद्र बन गया। सुनील के पड़ोसी हरि प्रसाद भी सुनील के परिजनों की मदद के लिए आगे आए और उसे फिर से स्कूल में नामांकन करवाया। हरि अन्य अभिभावक की तरह सुनील को प्रतिदिन स्कूल पहुंचाने जाते हैं।

सुनील की मां का खुलवाया बैंक अकाउंट और मदद के लिए फेसबुक पर डाल दिया

सुनील की मां का खुलवाया बैंक अकाउंट और मदद के लिए फेसबुक पर डाल दिया

सामाजिक कार्यकर्ता अजय ने सुनील की मां का बैंक में खाते भी खुलवा दिया और अपने फेसबुक पर एकाउंट नंबर भी शेयर कर दिया। अजय कहते हैं कि बैंक खाता में भी लोग नकद राशि भेजकर परिवार को मदद कर रहे हैं। अजय कहते हैं कि सुनील की मां के खाता में लोग करीब 45 हजार रुपये नकद भेज चुके हैं। सुनील की दादी के लिए स्थानीय लोग अब इंदिरा आवास दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। सुनील भी इस प्रयास की प्रशंसा करते नहीं थक रहा।

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English summary
10 Year old son pulling food stall after father death in Bihar, Facebook post change life.
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