Article 370: रात में 10 बजे से सुबह 4 बजे तक क्यों खुल रही है श्रीनगर की सबसे बड़ी सब्जी मंडी?
नई दिल्ली- आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर खासकर घाटी में काफी कुछ उल्टा-पुल्टा चल रहा है। कई तरह की पाबंदियों के चलते आम जीवन थोड़ा-बहुत अस्त-व्यस्त होना भी स्वाभाविक है। लेकिन, इस स्वाभाविक सी दिखने वाली परिस्थिति में कुछ बहुत ही अस्वाभाविक चीजें भी देखने को मिल रही हैं। इसी में से एक है श्रीनगर की सबसे बड़ी सब्जी मंडी। पूरे दिन तो यहां सन्नाटा पसरा रहता है, लेकिन आधी रात में जब सारी दुनिया गहरी नींद में होती है तब यहां सब्जी मंडी वाला कोलाहल शुरू हो जाता है। स्थिति अजीब है, लेकिन सच है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि मौजूदा माहौल के बावजूद भी आधी रात में सब्जी मंडी में रौनक आने के पीछे की वजह क्या है?
आतंकियों की धमकी से दहशत में हैं कारोबारी
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबरों के मुताबिक हाल ही में श्रीनगर के कई इलाकों में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के एक धमकी भरे पोस्टर सामने आने के बाद कारोबारी डरे हुए हैं। आतंकियों ने जरूरी सामानों के लिए सिर्फ सुबह 7 से 10 और शाम के 6 से 8 बजे तक ही दुकानें खोलने की हिदायत दी है। राम बाग इलाके में दुकान चलाने वाले हमीदुल्ला भट्ट ने बताया कि 'हम अलगाववादी संगठनों की ओर से दिए गए समय के मुताबिक ही सुबह और शाम में दुकानें खोलते हैं। उस वक्त के अलावा किसी में भी दुकान खोलने की हिम्मत नहीं है। उनके आदमी मोटरसाइकिलों पर घूमते रहते हैं, यह देखने के लिए कि उनकी धमकी का पालन हो रहा है या नहीं।'
एक दुकानदार की हत्या के बाद से सहमे हुए हैं कारोबारी
लोग बताते हैं कि श्रीनगर के बाहरी इलाके परिमपोरा में 65 साल के थोक कारोबारी गुलाम मोहम्मद की पिछले गुरुवार को हुई हत्या ने दुकानदारों को इतना डरा दिया है कि वे आतंकवादियों की ओर से बताए गए समय पर भी दुकानें खोलने से हिचकिचाने लगे हैं। बता दें कि गुलाम मोहम्म 2016 से ही आतंकियों और अलगाववादियों की धमकियों को नजरअंदाज कर रहे थे। उनकी हत्या के बाद शुक्रवार को हथियारों के साथ तीन आतंकी सनत नगर के एक डिपार्टमेंटल स्टोर में घुस गए और दुकान मालिक और उसके स्टाफ को धमकी देकर गए कि तय समय से ज्यादा देर तक दुकान खुली तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना। चश्मीदों ने बताया कि दुकान मालिक का बेटा अगर घबराकर पीछे के रास्ते से भागा नहीं होता तो आतंकी उसे मार ही देते। जवाहर नगर के एक और डिपार्टमेंटल स्टोर के मालिक को भी आतंकी धमका कर जा चुके हैं। दुकानदारों में डर की ये स्थिति है कि श्रीनगर के प्रतिष्ठित माने जाने वाले सरिया बाला इलाके में भी है। वहां के एक कारोबारी अब्दुल अहद कहते हैं कि गुलाम मोहम्मद की हत्या के बाद तो वह आतंकियों की ओर से बताए गए समय में भी दुकान खोलने का जोखिम नहीं लेना चाहते। उनका कहना है कि, 'कौन जानता है कि ये हथियारबंद लोग अपनी रणनीति कब बदल दें।'
हालात असमान्य है, ये दिखाना चाहते हैं आतंकवादी
दरअसल, आतंकवादी और अलगाववादी सिर्फ यह दिखाना चाहते हैं कि घाटी में हालात सामान्य नहीं है। इसलिए वे दिन के समय सड़कों पर चहलकदमी देखना बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। एक थोक सब्जी कारोबारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि, 'घाटी में अब सबकुछ दिखावे के लिए हो रहा है.....' उसने बताया कि, 'अलगाववादी यह जताना चाहते हैं कि यहां अभी अनिश्चितता का माहौल कायम रहने वाला है, इसलिए वे हमें दिन के कुछ घटों को छोड़कर कारोबार नहीं करने दे रहे हैं...........'
रात में मंडी खोलने से आतंकियों को आपत्ति नहीं
अलगाववादियों का मकसद सिर्फ एक है कि दुनिया ये नहीं समझे कि कश्मीर की आम जनता आर्टिकल 370 के विशेष प्रावधानों को हटाने के फैसले को स्वीकार कर चुकी है। अगर दिन के समय हालात सामान्य दिखेंगे तो पाकिस्तान परस्त अलगाववादियों और आतंकवादियों का सारा धंधा ही चौपट हो जाएगा। इसलिए वह दिन के समय में ज्यादा देर तक बाजारों में रौनक नहीं देखना चाहते। जबकि, उसी सब्जी कारोबारी ने बताया कि 'सुरक्षा बल खास दिन की स्थिति देखने के बाद चाहते हैं कि दुकानें खुली रहें या बंद कर दी जाएं। इसलिए अभी के लिए रात का वक्त हमारा है।' यही वजह है कि श्रीनगर के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस के पास स्थिति बाटामालू सब्जी मंडी में रात 10 बजे से सुबह 4 बजे की बीच गहमागहमी बढ़ जाती है। यहां सिर्फ वही लोग पहुंचते हैं, जिन्हें सब्जी खरीदना या बेचना होता है। पिछले दो हफ्तों से ऐसा ही देखने को मिल रहा है, जब रात के वक्त घाटी की सबसे बड़ी सब्जी मंडी में हालात वास्तव में पूरी तरह सामान्य हो जाती है। ऐसा करने पर आतंकियों और अलगाववादियों को भी कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि रात में घाटी की सामान्य होने वाली तस्वीर शायद बाहर नहीं पहुंच पाती, जो कि आतंकियों और उनके आकाओं को परेशान कर सकती है।