500 और 2000 रुपए के नोट के बारे में बड़ा खुलासा किया अधिकारी ने
500 और 2000 रुपए के नए नोट के बारे में सरकारी अधिकारी का बड़ा खुलासा, नए नोटों में नए सुरक्षा मानक नहीं डाले गएं हैं
नई दिल्ली। हर तरफ 500 और 1000 रुपए के नोट को प्रतिबंधित करने की खबर है, काले धन को खत्म करने के लिए की गई इस मुहिम में 2000 रुपए के नए नोट का बाजार में लाया गया है।
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लेकिन अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने दावा किया है कि केंद्र सरकार के अधिकारी ने कहा है कि 2000 व 500 के नए नोट में सेक्युरिटी मानक डालने का समय नहीं था। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नए नोट में पुराने नोट की ही तरह के सुरक्षा मानक रखे गए हैं इसमें नए सुरक्षा मानक नहीं डाले गए हैं।
छह महीने पहले नए नोट छापने को कहा गया था
अधिकारी का कहना है कि नए नोट को छापने का फैसला महज छह महीने पहले लिया गया था, ऐसे में नए सुरक्षा मानक डालने का समय नहीं था। सिर्फ नोट की डिजाइन में परिवर्तन किया गया है, बाकि सबकुछ पुराने नोट की ही तरह है।
किन जगहों से आता है नोट का पेपर
भारत में नोट छापने का पेपर जर्मनी में यूरोपियन कंपनी लॉसेंथल से, यूके में डेला रू, स्वीडेन में क्रेन, फ्रांस व नीदरलैंड में अर्जो विगिंस से आता है। मौजूदा समय में 70 फीसदी नोट भारत में बनते हैं। अधिकारी का कहना है कि अगले दो साल में 100 फीसदी नोट भारत में छापने का लक्ष्य है।
मैसूर में छपे नए नोट
लेकिन 2000 रुपए के 100 फीसदी नोट भारत में ही छपेंगे, लिहाजा इस बात का फैसला किया गया कि मैसूर की नोट पेपर मिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जोकि 2015 में ही शुरु हुई के पास इन नए नोटों को छापने का जिम्मा दिया गया था।
क्या सुरक्षा मानक थे पहले नोट में
अधिकारी ने बताया कि नोच में नए सुरक्षा मानक डालने में पांच से छह वर्ष का समय लगता है, इससे पहले यह काम 2005 में शुरु किया गया था जब नए 500 और 1000 रुपए के नोट लाए गए थे। इन नोटों में वाटर मार्क, सेक्युरिटी थ्रेड, फाइबर, अदृश्य तस्वीर आदि इन नोट में जोड़े गए थे।
क्या सुरक्षा मानक थे पहले नोट में
अधिकारी ने बताया कि नोच में नए सुरक्षा मानक डालने में पांच से छह वर्ष का समय लगता है, इससे पहले यह काम 2005 में शुरु किया गया था जब नए 500 और 1000 रुपए के नोट लाए गए थे। इन नोटों में वाटर मार्क, सेक्युरिटी थ्रेड, फाइबर, अदृश्य तस्वीर आदि इन नोट में जोड़े गए थे।
क्या कहना है सरकार का
वहीं इस बाबत जब वित्त मंत्री अरुण जेटली से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में बोलना मेरी क्षमता से बाहर है, आरबीआई इस काम में एक्सपर्ट है और उन्हें यह करने का अनुभव है, उन्हें अनुभव है नए सुरक्षा मानक डालने में में अब छह महीने से अधिक का समय नहीं लगता है।