एग्जिट पोल के नतीजों ने आम आदमी पार्टी के लिए खड़ी की नई मुश्किल
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के आंकड़ों ने आम आदमी पार्टी के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है। ज्यादातर एग्जिट पोल के आंकड़ों पर नजर डालें तो आम आदमी पार्टी को दिल्ली में सात में से सिर्फ एक सीट पर जीत मिल सकती है। लेकिन पार्टी के एक के एक नेता का कहना है कि हमारे लिए अधिक चिंता का विषय यह है कि पार्टी का वोट शेयर कम हुआ है। आप के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि एक एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 17 फीसदी तो दूसरे एग्जिट पोल में आप को 20 फीसदी वोट शेयर मिला है। यह काफी चिंताजनक है।
आप के वरिष्ठ नेता का कहना है कि एग्जिट पोल में कांग्रेस को दिल्ली में 30 फीसदी वोट शेयर मिला है, जोकि चिंता का विषय है। पिछले कुछ साल की बात करें तो आम आदमी पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है, उसने कांग्रेस के वोट शेयर में सेंधमारी की थी। 2014 में आप सभी सात सीटों पर दूसरे पायदान पर रही थी। पार्टी को कुल 33 फीसदी वोट शेयर मिला था। जबकि कांग्रेस को सिर्फ 15 फीसदी वोट मिला था। कांग्रेस के वोट शेयर में 2015 में काफी गिरावट देखने को मिली थी और पार्टी को सिर्फ 9 फीसदी ही वोट मिला था। आप का कहना है कि कांग्रेस हमसे वोट शेयर में एक फीसदी भी आगे निकलती है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय है, पार्टी के भीतर टिकटों के बंटवारे पर सवाल खडा होना चाहिए।
आप के अंदरूनी सर्वेक्षण का मानना है कि पार्टी दो सीटों पर जीत सकती है। खुद अरविंद केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पार्टी सभी सात सीटों पर जीत दर्ज करने की उम्मीद कर रही है, लेकिन मुस्लिम वोट आखिरी समय पर कांग्रेस के पक्ष में चला गया। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित का कहना है कि इस तरह के एग्जिट पोल हर साल आते हैं, अगर ये एग्जिट पोल सही से किए जाते तो ये सही नतीजे दर्शाते। लेकिन न्यूज और मीडिया हाउस भाजपा का पक्ष ले रहे हैं। हम ईवीएम पर भरोसाा नहीं करते हैं और यह पिछले 15 वर्षों से कहते आ रहे हैं।
इसे भी पढ़ें- प्रणब मुखर्जी से मिली तारीफ के बीच चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का बड़ा खुलासा