भाजपा के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकते हैं उपचुनाव के नतीजे, 8 राज्यों में गंवानी पड़ी सीटें
नई दिल्ली। देश के दो अहम राज्य हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के साथ कुल 17 राज्यों की 52 सीटों पर भी 21 अक्टूबर को उपचुनाव हुए थे, जिसके नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए गए हैं। महाराष्ट्र और हरियाणा दोनों ही प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले गिरा है और पार्टी को कई सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। महाराष्ट्र में भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में काफी ज्यादा सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि हरियाणा में पार्टी पूर्ण बहुमत के आंकड़े से दूर रहे गई। ना सिर्फ इन दो प्रदेशों बल्कि यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को निराशा हाथ लगी है और उसकी सीटों की संख्या कम हुई है।
यूपी, बिहार, में नुकासन
उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां 11 विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव हुए थे, लेकिन इसमे से भाजपा को सिर्फ 7 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जबकि सहयोगी पार्टी अपना दल ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं समाजवादी पार्टी के खाते में तीन सीटें गई हैं। यूपी में लखनऊ कैंट की, चित्रकूट की मानकपुर सीट, सहारनपुर की गंगोह सीट, अलीगढ़ की इगलास सीट, कानपुर की गोविंदनगर सीट, बहराच की बलहा और मऊ की घोसी सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की है, वहीं प्रतापगढ़ की सीट पर अपना दल ने कब्जा किया है। यूपी के बाराबंकी की जैदपुर सीट, रामपुर और अंबेडकरनगर की जलालपुर विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई है। इस उपचुनाव में बसपा और भाजपा को एक-एक सीट खोनी पड़ी है। बिहार की बात करें तो यहां समस्तीपुर लोकसभा सीट के लिए 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। जिनमे जदयू को ए सीट पर, आरजेडी को 2, निर्दलीय और एमआईएम को 1-1 सीट पर जीत हासिल हुई है। बिहार उपचुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दल को मुंह की खानी पड़ी है।
महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान में गंवानी पड़ी सीट
गुजरात की छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जहां चार सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और इन सभी सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। जिन छह सीटों पर उपचुनाव हुए हैं उसमे से चार सीटें भाजपा के पास थी, जबकि कांग्रेस के पास दो सीटें थीं। राजस्थान की बात करें तो मंडावा और खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। मंडावा से कांग्रेस की रीटा चौधरी ने जीत दर्ज की तो खींवसर से आरएलपी के नारायण बेनीवाल ने चुनाव जीता है। बता दें कि दोनों ही सीटें भाजपा और उसके सहयोगी दल आरएलपी के पास थी, लिहाजा यहां भी एनडीए को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ा है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां सतारा लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। यहां एनसीपी के श्रीनिवास दादासेहाब पाटिल ने जीत हासिल की है।
एमपी, पंजाब, छत्तीसगढ़ में भी निराशा
मध्य प्रदेश की झाबुआ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के भानू भिराय को कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने हरा दिया। इससे पहले 2018 में यहां भाजपा के गुमान डामोर ने जीत दर्ज की थी। लेकिन 2019 में सांसद बनने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया था। पंजाब की बात करें तो यहां चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिसमे से तीन पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि एक पर अकाली ने जीत दर्ज की है। छत्तीसगढ़ की चित्रकोट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के राजमन बेंजाम ने भाजपा के लच्छूराम कश्यप को मात दी है।
पूर्वोत्तर में राहत
पूर्वोत्तर राज्यों की बात करें तो असम और मेघायल में हुए उपचुनाव में भाजपा को सफलता हाथ लगी है। असम की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में तीन सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है, जबकि एक सीट एआईयूडीएफ के खाते में गई है। मेघालय की शेल्ला सीट पर युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के बलजीत कुपर प्रतीक ने निर्दलीय उम्मीदवार कृपा मेरि को मात दी है।