कर्नाटक के बागी विधायकों पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, जानिए फैसले की बड़ी बातें
नई दिल्ली। कर्नाटक के 15 बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है। इन 15 विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा इस्तीफा स्वीकार ना किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए।
साथ में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ और बातें भी कही है, जिसमें विधायकों के इस्तीफे पर कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर अपने हिसाब से फैसला ले सकते हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि बागी एमएलए या फिर इस्तीफा देने वाले विधायकों पर विश्वासमत के दौरान मौजूद रहने के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता है। साथ में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर को फैसला लेने का पूरा अधिकार है।
मतलब सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ हो गया है कि विधायकों को उपलब्ध रहने के लिए पार्टी विहिप जारी नहीं कर सकती है। क्योंकि आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि ऐसी परिस्थितियों में पार्टी अपने विधायकों के लिए विहिप जारी कर उनकी उपस्थिति के लिए दबाव बनाती है लेकिन कर्नाटक में ऐसा नहीं होगा। बताया जा रहा है कि 18 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हो सकता है जिसमें सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस-जेडीएस को अपना बहुतम सिद्ध करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पांच बड़ी बातें-
- बागी विधायकों को कल विश्वास मत में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है
- शीर्ष अदालत ने भी स्पीकर को 15 बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी है।
- कोर्ट का यह अंतरिम आदेश हैं, मामले पर विस्तार से फैसला बाद में सुनाया जाएगा।
- फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेना है या नहीं यह बागी विधायकों के विवेक पर निर्भर करेगा, उन पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है।
- कांग्रेस-जेडीएस विहिप जारी कर बागी विधायकों पर दबाव नहीं बना सकते हैं।
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