बढ़ी मोदी सरकार की मुश्किल, 4 लाख सैन्य कर्मचारी बड़ी हड़ताल की तैयारी में
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तमाम नीतियों के खिलाफ सेना के चार लाख कर्मचारी जनवरी माह में तीन दिन की बड़ी हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। इस हड़ताल में 41 हथियार निर्माण करने वाली फैक्ट्रियों के कर्मचारी, नेवल डॉक्स के कर्मचारी, वायुसेना वर्कशॉप के कर्मचारी सहित तमाम निर्माण कंपनियों के कर्मचारी हिस्सा लेंगे। सेना के ये तमाम कर्मचारी 23 जनवरी से 25 जनवरी तक हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में इन तमाम कर्मचारियों ने मंगलवार को दोपहर का खाना नहीं खाया।
यह पहली बार नहीं है जब सेना के कर्मचारी इतने बड़े स्तर पर हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं, इससे पहले भी केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ कर्मचारी हड़ताल कर चुके हैं। इन कर्मचारियों का यह प्रदर्शन मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा सेना में निजीकरण को बढ़ावा दिए जाने के खिलाफ है। अखिल भारतीय सेन्य कर्मचारी संगठन के महासचिव सी श्रीकुमार ने बताया कि आज हमने दोपहर का खाना नहीं खाया है, लेकिन इसके बाद भी अगर सरकार सक्रियता नहीं दिखाती है तो हम बड़ी हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं, जिसमे लाखो कर्मचारी हिस्सा लेंगे।
श्रीकुमार ने बताया कि कर्मचारियों के पास आखिरी विकल्प बचता है जब उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया जाता है। संगठन के एक अन्य नेता ने कहा कि सेना के भीतर अपनी अहम भूमिका को समझते हैं। लेकिन जब सरकार हमारी नौकरी छीन नरही है और अहम क्षेत्रों की कमान प्राइवेट कंपनियों को दे रही है तो हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। सेना के एक ब्रिगेडियर ने कहा कि पिछले काफी समय से हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों की क्षमता कम हुई है, पिछले कुछ समय में इनकी गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं एक मार्शल का कहना है कि सरकार को इतनी जल्दी नतीजों का इंतजार नहीं करना चाहिए, और ना ही इसे चुनावी मुद्दा बनाने चाहिए।