'नीतीश ही बन सकते हैं नरेंद्र मोदी का विकल्प', दिग्गज आरजेडी नेता के बयान से उठा सियासी तूफान
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार क्या राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी खेमे का नेतृत्व कर सकते हैं? ये सवाल बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के दिग्गज नेता के बयान से उठे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने हाल ही में कहा कि इस समय केंद्र में कोई मजबूत विपक्ष नहीं है। लालू प्रसाद यादव जेल में हैं, ऐसे में नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में आना चाहिए और सभी विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहिए। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि उन्होंने अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखा है। यही नहीं दिग्गज आरजेडी नेता बिहार के सीएम नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले में देश का बड़ा चेहरा मानते हैं।
'नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभानी चाहिए'
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा, 'देश के जो हालत हैं, उसमें नीतीश कुमार को आगे आकर राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। जनता दल यूनाइटेड ने बिहार के साथ-साथ केंद्र में जिस तरह से भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से गठबंधन किया, वो उनकी एक ऐतिहासिक राजनीतिक भूल है।' यही नहीं शिवानंद तिवारी ने ये भी कहा कि नीतीश कुमार ही नरेंद्र मोदी का विकल्प बन सकते हैं।
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'विपक्षी खेमे में इस समय एक नेतृत्व शून्यता है'
आरजेडी नेता ने कहा, 'विपक्षी खेमे में इस समय एक नेतृत्व शून्यता है। मैंने लगभग 35 वर्षों तक नीतीश कुमार को राजनीति में देखा है और मैं यह दावा कर सकता हूं कि उनके पास देश का प्रधानमंत्री बनने की राजनीतिक हिम्मत और क्षमता है।' तिवारी ने आगे कहा, 'नीतीश कुमार को एनडीए का साथ छोड़कर और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष का चेहरा बनना चाहिए। बिहार में महागठबंधन पूरी तरह से बिखर गया है। लालू प्रसाद यादव जेल में हैं ऐसे में आरजेडी में भी नेतृत्वहीनता है। आज विपक्षी खेमा पूरी तरह से शांत है, ऐसे में अगर नीतीश कुमार इसकी अनदेखी करते हैं तो ये इतिहास में उनकी बड़ी भूल होगी।'
जीतनराम मांझी भी कर चुके हैं नीतीश कुमार से खास अपील
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) ने भी नीतीश कुमार को एनडीए से बाहर निकलने और वैकल्पिक मंच पर काम करने की सलाह दी है। मांझी ने कहा, "यह बेहद अहम समय है कि सभी समान विचारधारा वाले नेताओं को आगे आना चाहिए और वर्तमान स्थिति में एक विकल्प प्रदान करना चाहिए।"
क्या 2020 से पहले NDA से अलग होंगे नीतीश कुमार?
फिलहाल ताजा घटनाक्रम में शिवानंद तिवारी का ये बयान बेहद अहम माना जा रहा है। संभावना ये भी जताई जा रही है कि अगले साल यानी 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ये बयान राजद की ओर से जदयू प्रमुख को हाथ मिलाने का एक खुला निमंत्रण भी है। बता दें कि नीतीश कुमार ने 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन करके बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था और सरकार बनाई थी। हालांकि, बाद में महागठबंधन टूट गया और फिर नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार का गठन किया।
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