राम मंदिर मुद्दे को सुलझाने की श्री श्री की पहल को बड़ा झटका
लखनऊ। अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने श्री श्री के मुलाकात के प्रस्ताव को टाल दिया है। श्री श्री ने बोर्ड के सदस्यों को 16 नवंबर को अयोध्या में मुलाकात करने के लिए कहा था। सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले का समर्थन करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी श्री श्री से मुलाकात करने से इनकार कर दिया है। दोनों ही बोर्ड कहना है कि श्री श्री के पास इस मामले में बात करने का कोई लीगल स्टैंड नहीं है, इसलिए वह इस प्रस्ताव को ठुकरा रहे हैं।
शिया बोर्ड की बैठक पर जताई थी आपत्ति
आपको बता दें कि इससे पहले श्री श्री ने शिया वक्फ बोर्ड के पक्षकारों से मुलाकात की थी, जिसपर सुन्नी बोर्ड ने आपत्ति जताई थी। सुन्नी बोर्ड के इकबाल अंसारी ने शिया बोर्ड के चेयरमैन रिजवी के फार्मूले के खारिज कर दिया, उन्होंने कहा कि यह एक पक्षीय है। इससे पहले श्री श्री ने देश के ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद आदित्यनाथ ने कहा था कि हम इस मामले में हर सकारात्मक पहल का स्वागत करते हैं।
तमाम पक्षों से कर रहे हैं मुलाकात
श्री श्री अयोध्या मामले में तमाम पक्षों से मुलाकात करने के लिए 16 नवंबर को अयोध्या पहुंचेंगे और यहां तमाम पक्षकारों से मुलाकात करेंगे, लेकिन इस दौरे से पहले ही सुन्नी बोर्ड और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उनसे मिलने से मना कर दिया है। आपको बता दें कि राम मंदिर विवाद को लेकर तमाम पक्षों से मुलाकात करने की श्री श्री ने पहल शुरू किया है। वह यह मुलाकात सुप्रीम कोर्ट के उस सुझाव के बाद कर रहे हैं जिसमे कोर्ट ने कहा था कि इस मुद्दे का समाधान कोर्ट के बाहर निकाला जाना चाहिए।
भाजपा सांसद ने भी पहल को ठुकराया
हालांकि श्री श्री इस विवाद को खत्म करने के लिए अपनी पहल को आगे बढ़ा रहे हैं दूसरी तरफ इस मामले में पूर्व भाजपा सांसद राम विलास वेदांती ने श्री श्री की पहल को ठुकरा दिया है। उन्होंने इस मामले में श्री श्री की इस मुद्दे में किसी भी भूमिका को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि श्री श्री राम मंदिर आंदोलन से कभी नहीं जुड़े लिहाजा वह इस मुद्दे पर किसी भी तरह की मध्यस्थता नहीं कर सकते हैं।
कोर्ट में ही निकलेगा समाधान
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि वह तमाम इमाम और स्वामियों से इस मुद्दे पर बात करेंगे, जिसमें निर्मोही अखाड़ा के आचार्य राम दास से भी बात करेंगे, जिससे की राम मंदिर के मुद्दे पर कोर्ट के बाहर समाधान निकाला जा सके। वहीं मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने भी श्री श्री की पहल को नकारते हुए कहा कि यह मुद्दे सिर्फ कोर्ट में सुलझ सकता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 में इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए विवादित जगह को तीन हिस्से में बांट दिया था, जिसमें एक हिस्सा सुन्नी बोर्ड, एक निर्मोही अखाड़ा और एक हिस्सा भगवान राम लला को दिया गया था।
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