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स्‍पेस रेस: चीन का रॉकेट फेल, अब भारत के पास आगे निकलने का मौका

एक बार फिर से फेल हुआ चीन का स्पेस मिशन, भारत के पास चीन से आगे निकलने का सुनहरा मौका

By Ankur
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बीजिंग। स्पेस रेस में चीन से आगे निकलने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों के पास बड़ा मौका है, चीन की महत्वाकांक्षी लांग मार्च 5 रॉकेट की परियोजना विफल हो गई है। इस रॉकेट को चंद्रमा से सैंपल लाने के लिए बनाया जा रहा था, लेकिन इसके विफल होने के बाद अब भारत के पास चीन से स्पेस रेस में आगे निकलने का सुनहरा मौका है, ऐसे में अगर भारत इस रेस में आगे निकलता है तो वह स्पेस रेस में अपनी रैंकिंग में सुधार कर सकता है।

चीन का रुख काफी धीमा

चीन का रुख काफी धीमा

विशेषज्ञों का मानना है कि इस आधुनिक तकनीक के युग में चीन के इस मिशन के फेल होने की वजह साफ नहीं है, ऐसे में अब यह साफ हो गया है कि चीन का स्पेस कार्यक्रम भी जोखिमभरा है और उनके पास भी सफलता की गारंटी नहीं है। यूएस नेवल वॉर कॉलेज में चीन के स्पेस प्रोग्राम के जानकार जोआन जॉनसन का कहना है कि चीन का रुख काफी धीमा और सुस्त है। चीन इस विफलता के बारे में पता था कि आज नहीं तो कल यह मिशन विफल होगा।

चीन तलाश रहा है विफलता की वजह

चीन तलाश रहा है विफलता की वजह

वहीं इस विफलता के बारे में चीन का कहना है कि लॉग मार्च 5वाई 2 ने रविवार को उड़ान भरी, यह इस रॉकेट का दूसरा लॉच था, लेकिन उड़ान के दौरान इसमें कुछ खामी आ गई। शुरुआत में वेनचैंग स्पेस लॉच सेंटर स यह उड़ान सफल दिख रही थी, लेकिन बाद में यह विफल हो गया। हम इस बात को जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यह किन वजहों से विफल हुआ है।

95 फीसदी सफल रहे हैं स्पेस अभियान

95 फीसदी सफल रहे हैं स्पेस अभियान

वर्ष 1970 से चीन का लॉग मार्च अभियान काफी सफल रहा है, इस मिशन ने अभी तक कुल 95 फीसदी सफलता हासिल की है। इस अभियान के जरिए चीन 2003 में पहली बार अपना क्रीउड स्पेश मिशन शुरू किया, ऐसा करने वाला चीन दुनिया का तीसरा देश बना। इससे पहले यह सिर्फ अमेरिका और रूस ही कर सका था। चीन ने इस मिशन के जरिए युतू को चांद पर उतारा था। चीन को यकीन है कि वह आने वाले समय मे इंसान के चलने वाली लैंडिंग के कार्यक्रम को शुरू कर सकता है।

लगातार विफलता चीन के लिए चुनौती

लगातार विफलता चीन के लिए चुनौती

इससे पहले 18 जून को भी चीन के स्पेस कार्यक्रम को झटका लगा था जब लॉग मार्च 3बी रॉकेट का संपर्क टूट गया था। पिछले वर्ष भी चीन के दो स्पेस मिशन फेल हो गए थे। ऐसे में इतने कम समय में लगातार दो मिशन के फेल होने के बाद माना जा रहा है कि स्पेस सेंटर अब अपने अगले अभियान के लिए इंतजार करेगा, वह अपनी गुणवत्ता और तकनीक को बेहतर करने के बाद ही अगले अभियान को जारी करेगा।

भारत के पास आगे जाने का मौका

भारत के पास आगे जाने का मौका

ऐसे में जिस तरह से चीन के स्पेस अभियान को झटका लगा है उसके बाद उसके सबसे बड़े प्रतिद्वंदी भारत के पास मौका है कि वह इस स्पेस रेस में आगे निकल जाए। जॉनसन का कहना है कि भारत के पक्ष में माहौल है, स्पेस मिशन में भारत लगातार अपनी तकनीक को बेहतर कर रहा है। भारत ने मंगल ग्रह पर मंगलयान भेजकर पहले ही बड़ी सफलता हासिल की थी। भारत ने एक साथ 104 नैनो सैटेलाइट एक ही रॉकेट से भेजकर कीर्तिमान स्थापित किया था। ऐसे में चीन के लॉग मार्च 5 की विफलता भारत के लिए स्पेस रेस में आगे निकलने का मौका है।

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English summary
Big setback for China in space race India has an opportunity to go ahead. India may improve its ranking in space research.
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