7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को दिया बड़ा झटका, अब नहीं मिलेगा ओवरटाइम
नई दिल्ली। पिछले काफी समय से केंद्र सरकार के कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम सैलरी को बढ़ाने और फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सैलरी में बढ़ोतरी तो दूर की बात अब कर्मचारियों को और मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले ओवरटाइम को मोदी सरकार ने बंद कर दिया है। इस बाबत मंत्रालय की ओर से बयान जारी करके जानकारी दी गई है।
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किन पर होगा लागू
बयान जारी करके कहा गया है कि सातवे वेतन आयोग की सिफारिश के बाद कर्मचारियों को मिलने वाला ओवर टाइम खत्म कर दिया गया है। एक्सपेंडीचर विभाग की ओर से कहा गया है कि सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को जल्द स्वीकार करेगी और कर्मचारियों के ओवरटाइम को बंद करेगी। यह नियम ऑपरेशनल स्टॉफ और फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को छोड़कर हर किसी पर लागू होगा।
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इन लोगों को मिलेगा ओवरटाइम
ये भी पढ़ें- प्री एंगेजमेंट सेरेमनी में भाभी श्लोका ने ननद ईशा अंबानी के छुए पैर, Video वायरलविभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि पिछले कुछ सालों में ओवरटाइम पर खर्च किए जाने वाली राशि में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसी वजह से केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि वह इस निर्देश को हर विभाग में लागू करेगी। बयान में कहा गया है कि सरकार ने तमाम विभागों को एक लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है जिन्हें इस श्रेणी में शामिल किया जाएगा। हालांकि ऑपरेशनल स्टाफ का ओवरटाइम बंद नहीं किया जाएगा, उन्हें 1991 के फैसले के अनुसार ही ओवरटाइम का पैसा मिलता रहेगा।
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लिखित में देना होगा निर्देश
पर्सनल मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया है कि ओवरटाइम सिर्फ उन्ही कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी वरिष्ठ अधिकारी संस्तुति करेंगे। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में कर्मचारी को ओवरटाइम करने के लिए कहना पड़ेगा, जिसके बाद ही कर्मचारी को ओवरटाइम दिया जाएगा। आपको बता दें कि पिछले काफी समय से केंद्र सरकार के कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के तहत बढ़ी हुई सैलरी की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि न्यूनतम सैलरी को बढ़़ाया जाए, साथ ही फिटमेंट फैक्टर को 3.8 गुना बढ़ाया जाए और न्यूनतम सैलरी को 26000 रुपए किया जाए। हालांकि सैलरी में बढ़ोतरी की गुंजाइश काफी बढ़ गई है, माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चूनाव से पहले इसे लागू किया जा सकता है।