एलओसी से टूटा सेना का संपर्क, सेना की चिंताएं हुई दोगुनी
श्रीनगर।
मंगलवार
को
भारतीय
सेना
ने
कुपवाड़ा
में
एक
एनकाउंटर
में
लश्कर-ए-तैयबा
के
एक
कमांडर
को
मार
गिराया
था
तो
वहीं
बुधवार
को
भी
भारतीय
सेना
ने
एनकाउंटर
में
एलओसी
पार
कर
रहे
तीन
आतंकियों
का
खात्मा
किया।
इसके साथ ही अब तक करीब छह आतंकियों के मारे जाने की खबरें हैं। बाढ़ राहत कार्यों में लगी सेना की चुनौतियां और मुश्किलें अब दोगुनी होती जा रही है।
सेना ने मार गिराया तीन आतंकियों को
बुधवार की सुबह कुपवाड़ा के केरन सेक्टर की ओर से हथियारों से लैस तीन आतंकियों की ओर से घुसपैठ की कोशिशें की गईं। आर्मी इंटेलीजेंस की ओर से मिली खबर के बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।
सेना की ओर से हुई फायरिंग में तीन आतंकी मार गिराए गए। इस ताजा मामले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
लगेगा 15 दिन का समय
जम्मू कश्मीर के अखनूर, पुंछ, सांबा सेक्टर, राजौरी, रियासी, अनंतनाग और कुछ और इलाकों में मौजूद बॉर्डर पोस्ट पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और साथ ही लाइन ऑफ कंट्रोल पर जो फेंसिंग है वह भी बाढ़ में गिर गई है।
हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि एलओसी तक पहुंचने में भी दिक्कतें आ रही हैं। नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा की ओर से जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक अखनूर सेक्टर में मौजूद बाड़ को काफी नुकसान पहुंचा है।
सिर्फ इतना ही नहीं राष्ट्रीय राइफ्ल्स के लिए काफी नाजुक काउंटर-इंसर्जेंसी पोस्ट भी बाढ़ की वजह से खत्म हो गई है। अखनूर सेक्टर में मौजूद इंडो-पाक बॉर्डर पर 40 किमी तक नुकसान हुआ है। इस बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान के सियालकोट का रास्ता जाता है।
आर्मी की ओर से एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के लिए इंजीनियर्स की टीम को भेजा गया है। फिलहाल इसमें कम से कम 15 दिन का समय लग सकता है।
आपको बता दें कि ऊपर जिन जगहों का जिक्र किया गया है, वह इलाके घुसपैठ के लिहाज से काफी अहम है।
आतंकी हो सकते हैं दाखिल
लेफ्टिनेंट जनरल ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि बॉर्डर के दूसरी ओर मौजूद आतंकी इस स्थिति का फायदा उठाने की पूरी कोशिश कर सकते हैं। आर्मी इस तरफ पूरा ध्यान दे रही है लेकिन उसका सारा ध्यान फिलहाल राहत कार्यों पर हैं। हो सकता है कि आतंकी इस स्थिति का फायदा उठाकर हमलों को अंजाम दें।
वहीं भारतीय सेना के कर्नल प्रदीप सनवाल के मुताबिक फिलहाल सेना के जवान और अधिकारी बाढ़ के हालातों के बाद बॉर्डर पर पैदा हुई स्थिति से काफी परेशान हैं। सेना के जवान रात-रातभर जागकर सीमा पर नजरें गड़ाएं हुए हैं। कर्नल सनवाल के मुताबिक एलओसी पर हुअा नुकसान कई मायनों में परेशान करने वाला है।