NPCIL ने माना हमारे न्यूक्लियर प्लांट के कंप्यूटर पर हुआ साइबर हमला
नई दिल्ली। तमिलनाडु में स्थित कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट के कंप्यूटर सिस्टम में वायरस होने की खबर सामने आई थी। लेकिन इस खबर का न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने खंडन किया था। एनपीसीआईएल की ओर से कहा गया था कि उनके सिस्टम में किसी भी तरह की हैकिंग नहीं की गई है। लेकिन अगले ही दिन एनपीसीआईएल ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उनके कंप्यूटर में वायरस आया है। साथ ही एनपीसीआईएल की ओर से यह साफ किया गया है कि इस साइबर अटैक से उनके सिस्टम प्रभावित नहीं हुए हैं।
एनपीसीआईएल ने जारी किया बयान
इस बाबत एनपीसीआईएल की ओर से बयान जारी करके कहा गया है कि एनपीसीआईएल के सिस्टम में वायरस की खबर सही है। इस मामले की जानकारी सीईआरटी-ईन को दे दी गई है। इस वायरस की जानकारी हमे 4 सितंबर 2019 को मिली थी। बयान में कहा गया है कि हमने इस मामले की तुरंत जांच की थी। इस मामले की जांच डिपार्टमेंट ऑफ एटोमिक एनर्जी ने के विशेषज्ञों ने की थी। जांच में सामने आया कि जिस कंप्यूटर में वायरस आया था वह इंटरनेट से कनेक्टेड था। इस कंप्यूटर का इस्तेमाल प्रशासनिक कार्यों के लिए किया जाता था।
सितंबर माह में हुई सेंधमारी
एनपीसीआईएल की ओर से यह भी कहा गया है कि हम नेटवर्क को लगातार मॉनिटर करते हैं। थर्ड पार्टी मल्टिनेशनल आईटी कंपनी ने इस साइबर अटैक की जानकारी सितंबर माह में दी थी और नेशनल साइबर कंप्यूटर सिक्युरिटी काउंसिल को अलर्ट भी किया था। सूत्र का कहना है कि एनसीएससी ने इस बाबत एक साइबर ऑडिट टीम का गठन किया था, जिसने सितंबर माह में दौरा किया था। उन्होंने केकेएनपीपी के अधिकारियों से मुलाकात की थी। जिसके बाद कमेटी ने अपनी एडवायजरी दी थी। सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है कि सिस्टम में सेंधमारी हुई थी और उसे साफ करने की प्रक्रिया चल रही थी।
थरूर ने सरकार से मांगा जवाब
सूत्र ने बताया कि कुछ संवेदनशील मामला पाया गया था। जहां तक सेंधमारी की बात है तो इसमे कई चरण होते हैं, लिहाजा इस साइबर अटैक ने मुख्य ऑपरेशन को प्रभावित नहीं किया था। उसने सिर्फ उसी कंप्यूटर को प्रभावित किया जिसका सिर्फ प्रशासनिक काम के लिए इस्तेमाल किया जाता था। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सरकार से ट्विटर पर इस बाबत जवाब मांगा था। उन्होंने ट्वीट करके लिखा था कि यह काफी गंभीर है, अगर हमारे न्यूक्लियर सिस्टम पर साइबर हमला हो सकता है तो देश की परमाणु सुरक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती है। सरकार को इस मामले में जावाब देना चाहिए।