Kamlesh Tiwari Murder: शूटर का चूक गया था निशाना, खुद को ही कर लिया था घायल
नई दिल्ली। हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्याकांड में एक बड़ी जानकारी यह सामने आई है कि जिस वक्त कथित आरोपी कमलेश को गोली मार रहे थे, उनका निशाना चूक गया और आरोपी ने खुद को ही घायल कर लिया था। दरअसल जिन दोनों हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनके बारे में इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने इस बाबत यह जानकारी दी है। गुजरात एटीएस ने बताया कि आरोपी अशफाक का निशाना चूक गया और उसने खुद के हाथ को जख्मी कर लिया था।
निशाना चूका तो गोली हाथ में लग गई
गुजरात एटीएस के डीआईजी ने हिमांशु शुक्ला ने बताया कि जब अशफाक का निशाना चूक गया तो मोइनुद्दीन ने अशफाक के हाथ को रुमाल से बांधा और बाद में तिवारी का गला रेत दिया। जिसके बाद दोनों ही आरोपी लखनऊ के होटल भाग गए जहां पर अशफाक जोकि एक प्रतिष्ठित कंपनी में एमआर था उसने मोइनुद्दीन के हाथ की ड्रेसिंग की। बता दें कि गुजरात एटीएस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपियों को पिस्तौल किसने मुहैया कराई थी, जिससे तिवारी की हत्या की गई थी। गुजरात एटीएस के डीएसपी केके पटेल ने बताया कि हमे आरोपी के नाम की जानकारी मिल चुकी है कि जिसने अशफाक को पिस्तौल मुहैया कराई थी। हमारी आरोपी के घर पहुंची थी, लेकिन आरोपी अंडरग्राउंड हो गया है। हम उसे भी गिरफ्तार कर लेंगे।
तीन राज्यों में भागते फिरे, नेपाल भी गए
जांचकर्ताओं के अनुसार अशफाक और मोइनुद्दीन तीन राज्यों यूपी, दिल्ली और राजस्थान के अलावा नेपाल भी गए थे। दोनों को गिरफ्तार किए जाने से पहले इन लोगों ने 2000 किलोमीटर का सफर ट्रेन, बस, टैक्सी से तय किया था। इस दौरान इन्होंने एक ट्रक से लिफ्ट ली थी, इसी दौरान उन्हें गुजरात में गिरफ्तार कर लिया गया। यूपी पुलिस के अधिकारी ने बताया कि हत्या के बाद दोनों आरोपी बरेली गए थे और यहां रेलवे स्टेशन पर एक रात गुजारी थी। इसके बाद ये लोग लखीमपुर खीरी चले गए, जहां से ये नेपाल भाग गए। नेपाल से वापस आने के बाद दोनों ही वापस लखीमपुर लौटे और शाहजहांपुर चले गए। यहां कुछ समय बिताने के बाद दोनों आरोपी दिल्ली चले गए, इसके बाद ये लोग अजमेर भी गए। अजमेर के बाद ये लोग शामलाजी पहुंचे थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
लखनऊ लाए गए आरोपी
उत्तर प्रदेश पुलिस के सूत्रों के अनुसार हत्या के बाद दोनों ही आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन लगातार सरेंडर की कोशिश कर रहे थे। इस मामले की जांच में शामिल पुलिस अधिकारी ने बताया कि योजना के मुताबिक सैयद अली जिसे नागपुर से गिरफ्तार किया गया है, वह दोनों ही हत्यारों के सरेंडर करने का इंतजाम करने वाला था। लेकिन सैयद अली के गिरफ्तार हो जाने के बाद दोनों ही हत्या आरोपियों को कोई दिशा निर्देश नहीं मिला, जिसके बाद दोनों ही आरोपियों ने वापस गुजरात जाने का फैसला लिया। गौरतलब है कि मोइनुद्दीन और अशफाक को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर पर शामलाजी मंदिर के पास गिरफ्तार किया गया था। जिन्हें आज लखनऊ ले आया गया है।