Kamlesh Tiwari हत्याकांड में गुजरात एटीएस का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली। पूर्व हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की लखनऊ के नाका हिंडोला क्षेत्र में दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के बाद लगातार प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस मामले की जांच कर रही है गुजरात एटीएस की टीम को बड़ा सुराग हाथ लगा है। जानकारी के अनुसार इस हत्या में शामिल एक अहम आरोपी ने कमलेश तिवारी से संपर्क करने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाई थी, जिसके माध्यम से उसने कमलेश तिवारी से संपर्क साधा था। आरोपी ने यह आईडी कमलेश तिवारी से सोशल मीडिया पर दोस्ती करने के लिए बनाई थी।
हत्या के दिन मिलने वाले थे
स्थानीय नेता जैमिन बापू ने गुजरात एटीएस को बताया कि एक व्यक्ति जिसका नाम अशफाक था उसने फेसबुक पर फर्जी आईडी रोहित सोलंकी के नाम से इसी वर्ष जून माह में बनाई थी। कमलेश तिवारी रोहित से 18 अक्टूबर को मिलने भी वाले थे, जिस दिन उनकी हत्या हुई थी। इससे पहले यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने ने कहा था कि आरोपी तिवारी को पहले से जानता था क्योंकि आरोपी ने कमलेश तिवारी की हत्या से पहले मिठाई देने के बहाने उनसे 30 मिनट तक मुलाकात की थी।
डीजीपी ने किया था दावा
डीजीपी ने कहा था कि कमलेश तिवारी की हत्या को दो लोगों ने अंजाम दिया था। इस मामले में गुजरात पुलिस ने मौलाना मोहसिन शेख, खुर्शीद अहमद पठान, और फैजान को गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें अहमदाबाद कोर्ट में पेश किया गया था जहां से कोर्ट ने उन्हें 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया था। बता दें कि कमलेश तिवारी को पहले चाकू मारा गया और फिर उन्हें गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से भागने में सफल हुए।
विवादित बयान
बता दें कि कमलेश तिवारी पूर्व हिंदू महासभा के नेता था। उनकी हत्या की जांच यूपी पुलिस की एसआईटी की टीम कर रही है। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने कमलेश तिवारी की हत्या उनके विवादित बयान की वजह से की है, जोकि उन्होंने 2015 में दिया था। वहीं हत्या के बाद कमलेश तिवारी के परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रविवार को उनके आवास पर मुलाकात की थी