सिंगर अनुराधा पौडवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, 'बायोलॉजिकल बेटी' मामले में सुनवाई पर रोक
नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा की लेजेंडरी सिंगर में शामिल रहीं अनुराधा पौडवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनसे जुड़े एक मामले में तिरुवनंतपुरम के फैमिली कोर्ट में चल रही सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुराधा पौडवाल की केस की सुनवाई को मुंबई फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए महिला करमाला मोडेक्स को नोटिस जारी किया है।
अनुराधा पौडवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई की। बता दें कि 45 साल की महिला करमाला मोडेक्स ने दावा किया था कि वह अनुराधा पौडवाल की बेटी है। केरल की रहने वाली इस महिला ने डिस्ट्रिक्ट फैमिली कोर्ट में केस भी दर्ज कर दिया था। 1974 में जन्मीं करमाला का दावा था कि अनुराधा ने उन्हें उनके वर्तमान माता-पिता को सौंप दिया था, जब वह केवल 4 दिन की थीं।
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केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली इस महिला 45 वर्षीय महिला ने 50 करोड़ रु के हर्जाने की मांग की थी। करमाला ने कहा था कि करीब चार-पांच साल पहले ही मेरे पिता ने मुझे बताया कि अनुराधा पौडवाल मेरी बायोलॉजिक मां हैं। पोन्नाचन (महिला के पिता), उस समय सेना में थे और महाराष्ट्र में तैनात थे और उनकी दिग्गज गायिका से मित्रता थी। महिला ने कहा था कि जब मुझे इस बात की जानकारी हुई तो मैंने अनुराधा पौडवाल से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद हमने कानूनी रास्ता अपनाया।
हालांकि, अनुराधा पौडवाल महिला के इस दावे को खारिज करती रही हैं। 'बायोलॉजिकल बेटी' होने दावे पर अनुराधा पौडवाल ने कहा था कि वे इस महिला के 'मूर्खतापूर्ण बयानों' में शामिल नहीं होना चाहती हैं। उन्होंने कहा था, 'मैं इस तरह के मूर्खतापूर्ण बयानों पर कोई स्पष्टीकरण नहीं देना चाहती। ये मेरी गरिमा से खिलाफ है।'