भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, 21 आयकर अधिकारी रिटायर किए गए
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। सरकार की ओर से 21 भ्रष्ट टैक्स अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार, गलत काम करने का आरोप था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायेरक्ट टैक्सेस जोकि आय और कॉर्पोरेट टैक्स पर नजर रखती है उसने 21 ग्रुप बी के आयकर विभाग के अधिकारियों को फंडामेंटल रूल 56 (J) के तहत जनहित में अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया है। इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप थे और ये सीबीआई जांच के घेरे में हैं।
वरिष्ठ अधिकारी हटाए गए
जून माह से ही आयकर विभाग के 64 वरिष्ठ अधिकारी को रिटायर किया गया था, जिसमे से 12 सीबीडीटी के अधिकारी शामिल थे। सितंबर माह में भी 15 अधिकारियों को भी रिटायर किया गया था। सूत्रों के अनुसार जिन अधिकारियों को रिटायर किया गया है उसमे तीन अधिकारी मुंबई के सीबीडीटी विभाग के, 2 अधिकारी थाणे जिले के थे। जिन अन्य अधिकारियों को हटाया गया वो विशाखापट्टनम, हैदराबाद, राजामुंद्री, बिहार के हजारीबाग, महाराष्ट्र के नागपुर, गुजरात के राजकोट, राजस्थान के जोधपुर, माधोपुर और बीकानेर, मध्य प्रदेश के भोपाल व इंदौर में तैनात थे।
रंगे हाथ पकड़े गए थे अधिकारी
सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई पीएम मोदी के उस बयान के बाद की गई जिसमे पीएम ने लालकिले पर अपने भाषण में देश मे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खुलकर बात की थी। पीएम ने कहा था कि हमने हाल ही में मजबूत फैसला लिया था, कई आयकर विभाग के अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायर कराया गया, हम इस तरह का बर्ताव कतई नहीं स्वीकार करेंगे। आधा दर्जन से अधिक उन अधिकारियों को रिटायर किया गया जिन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसमे से एक अधिकारी को 50000 रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था।
भ्रष्टाचार का आरोप
एक अन्य अधिकारी पर 20 लाख रुपए नगद बैंक के लॉकर में रखने का आरोप था, एक अन्य अधिकारियों पर 40 लाख रुपए की अचल संपत्ति पत्नी के नाम रखने का आरोप है। जून माह में सरकार ने 15 कमिश्नर स्तर के अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में रिटायर किया था। अगस्त माह में 22 सीबीआईसी अधिकारियों को रिटायर कराया था।
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