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देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम

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नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देन के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने तीन अहम फैसलों पर अपनी मुहर लगाई है जिसमें सबसे अहम फैसला है इंफाल में इंटीग्रेटेड कार्गो टर्मिनल का निर्माण। मोदी सरकार ने इस इंटीग्रेटेड टर्मिनल को बनाए जाने की मंजूरी दे दी है। जो कि कई मायनों में भारत के उद्योग व अर्थव्यवस्था के लिए अहम साबित होगी। वहीं मोदी सरकार ने जो दो अन्य अहम फैसले लिए हैं उनमें से एक हेल्थ केयर से जुड़े उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देना जबकि दूसरा है काजू के निर्यात को बढ़ावा देना। आपको बता दें कि हेल्थ केयर से जुड़े उपकरणों के मामले में भारत में 4 बिलियन डॉलर का उद्योग है, लेकिन मौजूदा समय में भारत सिर्फ एक बिलियन डॉलर के ही उपकरणों का निर्यात करता है।

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अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों की साख गिरी

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों की साख गिरी

उल्लेखनीय है कि खराब आधारभूत संरचना यानि इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट के चलते भारतीय उत्पाद निर्यात प्रतिस्पर्धा में पिछड़ गए हैं, इस प्रतिस्पर्धा में आई कमी इस बात की ओर इशारा करती है भारत में तैयार किए जाने वाले उत्पाद अंतराष्ट्रीय बाजार में बेहतर प्रदर्शन प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। इसके चलते केंद्र ने पहली बार मार्च में शुरू की गई एक स्कीम के तहत इस समस्या के समाधान को तलाशना शुरू किया था। जिसके बाद सरकार ने तीन प्रस्तावों को मंज़ूरी भी दे दी है। जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण इम्फाल के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक इंटीग्रेटेड कार्गो टर्मिनल के निर्माण को बताया जा रहा है।

16.2 करोड़ की लागत से बनेगा यह टर्मिनल

16.2 करोड़ की लागत से बनेगा यह टर्मिनल

यह कार्गो टर्मिनल उत्पाद के आयात-निर्यात को बढ़ावा देने में एक निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है। इसकी लागत 16.2 करोड़ रूपए बताई जा रही है। गौरतलब है कि इंफाल हवाई अड्डे पर मौजूदा वक्त में कोई कार्गो सुविधा नहीं है और प्रस्तावित इंटीग्रेटेड कार्गो टर्मिनल दक्षिण एशियाई देशों के लिए हवाई कार्गों आवागमन और वायु कनेक्टिविटी के एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।

क्या हैं मुख्य बाधाएं?

क्या हैं मुख्य बाधाएं?

भारतीय निर्यात अत्यधिक लोजिस्टिक्स दरों के कारण अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा से बाहर हो रहा है। भारत में लोजिस्टिक्स लागत जीडीपी का लगभग 14 फीसदी है। जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं जैसे-अमेरिका और यूरोपीय संघ में यह जीडीपी का क्रमशः 8% और 10% है। कुछ साल पहले किए गए एसोचेम के एक अध्ययन में इस बात को दर्शाया गया कि भारत को खराब इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते अपने व्यापार में हर साल लगभग 11% का घाटा होता है

क्या होगा फायदा?

क्या होगा फायदा?

अगर लोजिस्टिक्स मैनेजमेंट की लागतों को देश की जीडीपी के 14% से कम करके 9% कर दिया जाएगा तो भारत 50 बिलियन डॉलर रुपए तक की बचत कर सकता है। जिसकी वजह से वैश्विक बाज़ारों में घरेलू उत्पाद ज्यादा बेहतर साबित हो सकते हैं।

एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार...

एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार...

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, इस फैसले का उद्देश्य एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करके भारतीय उत्पाद की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। बहरहाल आने वाला समय ही बताएगा की मोदी सरकार का यह फैसला कितना कारगर साबित होता है।

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English summary
Big move of Modi government to boost Indian economy through Imphal Airport.Government clears integrated cargo terminal in imphal airport.
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