भारत की फेक करेंसी रैकेट में दाऊद और पाक अफसरों की मिलीभगत का खुलासा
नई दिल्ली। भारत में जाली नोट के रैकेट के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, इसके पुख्ता सबूत सामने आए हैं। आईएनएस के शीर्ष सूत्रों ने दावा किया है कि भारत का मोस्ट वांटेड भगोड़ा डॉन दाऊद इब्राहिम, उसके सहयोगी नेपाल के काठमांडू स्थित पाकिस्तान दूतावास के शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं। हाल ही दाऊद के सहयोगी यूनुस अंसारी को नेपाल पुलिस ने भारत के जाली नोटों के मामले में गिरफ्तार किया था। अंसारी जोकि काठमांडू के चक्रपाथ इलाक में स्थित एक होटल से जाली नोटों का कारोबार करता था। यह होटल पाकिस्तान दूतावास के बहुत करीब है।
7.67 करोड़ रुपए की फर्जीवाड़ी
सूत्रों के अनुसार अंसारी बंधु यूनुस और नसीम अक्सर काठमांडू के पाकिस्तान स्थित दूतावास जाते थे, वह यहां तैनात रक्षा सहचारियों से संपर्क में रहते थे। भारतीय खुफिया एजेंसियों की जानकारी के बाद काठमांडू की पुलिस ने एक विशेष दल का गठन किया, जिसने युनुस अंसारी और तीन अन्य पाकिस्तानी नागरिकों को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयरपोरट् से 23 मई को गिरफ्तार किया था। बता दें कि अंसारी के पासपोर्ट पर कराची में कतर का स्टैंप लगा है। वह 7.67 करोड़ रुपए की जाली भारतीय नोट की नगदी अपने साथ लेकर जा रहा था।
पाक में छपता था नकली नोट
जिसके बाद डी कंपनी का यह डॉन कतर एयरवेज के विमान से दोहा पहुंचा और फिर यहां से वह काठमांडू पहुंचा सूत्रों की मानें तो 2000 रुपए की जाली भारतीय नोट को आईएसआई ने पाकिस्तान के कराची में छापा था। जिसका वितरण डी कंपनी के साथी आईएसआई की मदद से लोगों के बीच पहुंचाते थे। बड़ी संख्या में नोट को बांग्लादेश की समुद्री सीमा के रास्ते पहुंचाया जाता था। पिछले कुछ महीनों में एनआईए ने कई इस तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए जाली नोट का व्यापार करने वालों की धरपकड़ की थी।
नेपाल में दाऊद का रैकेट
यूनुस अंसारी के अलावा बसरुद्दीन अंसारी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जोकि नेपाल के बीरगंज का स्थानीय नेता है। वह भी डी कंपनी के साथ संपर्क में था। बसरुद्दीन खुद एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट चलाता है जिसका नाम नेशनल मेडिकल कॉलेज है। सूत्रों की मानें तो इस कॉलेज को फंड दाऊद भेजता है। इसके बदले बसरुद्दीन अपनी जगह को डी कंपनी को इस्तेमाल करने के लिए देता था।
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