किसने लिखे थे वो 13 रजिस्टर, बुराड़ी केस में एक साल बाद हैंड राइटिंग एक्सपर्ट का बड़ा खुलासा
किसने लिखे थे वो 13 रजिस्टर, बुराड़ी केस में एक साल बाद हैंड राइटिंग एक्सपर्ट का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के साथ-साथ पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले बुराड़ी कांड की यादें लोगों के जहन में आज भी ताजा हैं। पिछले साल जुलाई के महीने में बुराड़ी के संत नगर इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों की सामूहिक मौत के इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी रिपोर्ट और बिसरा रिपोर्ट में पहले ही खुलासा हो चुका है कि सभी 11 लोगों की मौत दुर्घटनावश आत्महत्या के कारण हुई थी। इस मामले में अब एक और बड़ी जानकारी सामने आई है। दरअसल परिवार के 11 लोगों की मौत के इस मामले में घर से मिले 13 रजिस्टरों को लेकर एक साल बाद हैंड राइटिंग एक्सपर्ट ने बड़ा खुलासा किया है।
किसने लिखे 'मौत के वो रजिस्टर'
हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस की टीम को घर के अंदर से जो 13 रजिस्टर मिले थे, वो चूड़ावत परिवार के लोगों ने ही लिखे थे। हैंड राइटिंग एक्सपर्ट का कहना है कि इन रजिस्टरों के ज्यादातर पेज पर परिवार के दो बच्चों की लिखावट है। गौरतलब है कि बुराड़ी में घर से मिले इन रजिस्टरों में पूजा-पाठ और आस्था से संबंधित कुछ निर्देश लिखे हुए थे। इन रजिस्टरों को देखकर ही इस बात के संकेत मिले थे कि परिवार के लोगों ने किसी अंधविश्वास के चक्कर में अपनी जान गंवाई है। हालांकि पहले यह भी आशंका जताई गई थी कि इन रजिस्टरों को बाहर के किसी व्यक्ति ने लिखा है, लेकिन हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट आने के बाद साफ हो गया है कि परिवार के लोगों ने ही ये रजिस्टर लिखे थे।
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रजिस्टरों में परिवार के सात लोगों की हैंड राइटिंग
इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने घर के अंदर से मिले 13 रजिस्टर और परिवार के लोगों की हैंड राइटिंग के सैंपल एक्सपर्ट के पास भिजवाए थे। रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की रिपोर्ट के मुताबिक, इन रजिस्टरों में परिवार के सात लोगों की हैंड राइटिंग मिली। हालांकि ज्यादातर रजिस्टर परिवार के ही दो बच्चों ने लिखे थे। क्राइम ब्रांच की टीम को अब इस मामले मे परिवार के लोगों की मोबाइल रिपोर्ट का इंतजार है। मोबाइल रिपोर्ट आने के बाद यह पता चल पाएगा कि उस घटना से पहले चूड़ावत परिवार के लोगों ने किसी से फोन पर बात या कोई मैसेज भेजा था। मोबाइल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर देगी।
दुर्घटनावश आत्महत्या के कारण हुई 11 लोगों की मौत
आपको बता दें कि इससे पहले 11 लोगों की मौत के इस मामले में बिसरा रिपोर्ट आई था। घटना के पांच महीने बाद आई इस रिपोर्ट से कई अहम बातों का खुलासा हुआ था। बिसरा रिपोर्ट के मुताबिक, 'परिवार के 11 लोगों की मौत दुर्घटनावश आत्महत्या के कारण हुई थी। मृत 11 लोगो में से किसी के भी शरीर में कोई जहर या ऐसा कोई जहरीला पदार्थ नहीं मिला, जिसे मौत का कारण माना जा सके, यानी मौत का कारण दुर्घटनावश हुई आत्महत्या ही थी। रिपोर्ट में कुछ सदस्यों के पेट में खाना था, जबकि कुछ सदस्यों के पेट खाली पाए गए।' इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साइक्लोजिकल अटॉप्सी की रिपोर्ट पहले ही आ चुकी थी। बिसरा रिपोर्ट के बाद घर से मिले रजिस्टरों की हैंड राइटिंग रिपोर्ट और मोबाइल रिपोर्ट का इंतजार था।
बंद किए गए वो 11 रहस्यमयी पाइप
बुराड़ी में घर के अंदर हुई 11 लोगों की मौत के बाद घर से बाहर की तरफ निकले हुए 11 पाइपों को लेकर भी काफी अफवाहें फैलीं थी। आस-पास के लोगों का कहना था कि किसी रूहानी प्रक्रिया के लिए घर के बाहर ये 11 पाइप निकाले गए थे। हालांकि बाद में इन पाइपों को हटाकर छेदों को बंद कर दिया गया। परिवार के सदस्य दिनेश चूड़ावत ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वो पाइप एक तमाशा बन गए थे। इन पाइपों को हटाए बिना घर के बारे में फैल रही अफवाहों को रोकना संभव नहीं था। इसलिए, मैंने इन पाइपों से पूरी तरह से छुटकारा पाने का फैसला किया। घटना के बाद राजस्थान के कोटा में रहने वाले दिनेश चूड़ावत को ही घर की चाबियां सौंपी गईं थी।
क्यों गहराया था इन पाइपों पर रहस्य
इन 11 पाइपों को लेकर रहस्य इसलिए गहराया हुआ था, क्योंकि इनमें से कुछ छेद काफी उंचाई पर थे। घर के बाहर निकले इन 11 पाइपों में से सात के मुंह नीचे की तरफ झुके हुए थे, जबकि बाकी चार पाइपों के मुंह सीधे थे। वहीं, घर के अंदर मृत मिले परिवार के 11 लोगों में से सात महिलाएं थीं और चार पुरुष, इसलिए भी इन पाइपों को लेकर चर्चाएं हुईं। इन 11 पाइपों का मुंह एक खाली प्लॉट की तरफ था। लोगों का कहना था कि परिवार के 11 लोगों की मौत का इन 11 पाइपों से जरूर कोई संबंध है। हालांकि पुलिस का कहना था कि यह महज एक संयोग है। पाइप लगाने वाले ठेकेदार ने भी बताया था कि घर में ये पाइप वेंटिलेशन के लिए लगाए गए थे।
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