योगी सरकार का बड़ा फैसला, दिल्ली-गाजियाबाद से जा रहे लोगों को अब स्टेडियम और एक्सप्रेस वे पर ठहराया जाएगा
नई दिल्ली। पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। लेकिन जिस तरह से दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूर अपने घर जाने के लिए जमा हो रहे हैं, उसके बाद संक्रमण और बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है। बड़ी संख्या में लोग दिल्ली के आनंद विहार अड्डे पर इकट्ठा हो रहे, जो सरकारी बसों का इंतजार कर रहे हैं। इन लोगों को बसे मुहैया कराने का इंतजाम कराया गया। लेकिन इस बीच योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। योगी आदित्यनाथ ने इन लोगों को घर नहीं जाने देने का फैसला लिया है।
शेल्टर होम में ठहराया जाएगा
प्रदेश की सरकार ने ऐलान किया है कि इन तमाम लोगों को स्पोर्ट्स सिटी, यमुना एक्सप्रेस वे ठहराएगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि जनपद या अन्य प्रदेशों के व्यक्ति, जो गौतमबुद्धनगर में निराश्रित हैं उनके चिकित्सकीय उपचार,भोजन एवं रहने आदि की व्यवस्था हेतु तत्काल प्रभाव से शेल्टर होम्स के रूप में जे.पी.एस.आई.स्पोर्टस् सिटी,यमुना एक्सप्रेस-वे को उनके भवन एवं अन्य संसाधनों सहित अग्रिम आदेशों तक अभिहीत किया गया। गौतमबुद्ध नगर के डीएम की ओर से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-2 की उपधारा (जी) के अन्तर्गत कोविड-19 के कारण फैल रही महामारी को 'आपदा' घोषित किया गया है।
केजरीवाल की अपील
वहीं इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि लॉकडाउन का मंत्र ही यही है कि आप जहां हैं वहीं रहें। अगर हम इसका पालन नहीं करेंगे तो लॉकडाउन सफल नहीं होगा और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश फेल हो जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार चार लाख लोगों को हर रोज खाना मुहैया करा रही है। हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि इस संकट के समय देश की राजधानी में हर किसी को खाना मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में खाना और पानी की कोई दिक्कत नहीं है। कल मैंने तस्वीरें देखी, जिसमे हजारो लोग इकट्ठा हैं। आप जब भीड़ में खड़े हैं, अगर एक व्यक्ति भी इसमे संक्रमित है तो आप भी इससे संक्रमित हो सकते हैं। अपनी जिंदगी के बारे में सोचिए, अपने परिवार के बारे में सोचिए।
पैदल निकले हैं लोग
बदरपुर बॉर्डर पर मथुरा, पलवल, झज्जर सहित अन्य जिलों के लिए मजदूर पैदल ही जा रहे। इनकी जांच के लिए पुलिस भी मुस्तैद है। पुलिस ने एक मीटर का घेरा बना रखा है। उस घेरे में खड़े कर मजदूरों से जाने की वजह पूछी जा रही है। बॉर्डर पर ऐसे भी मजदूर पहुंच रहे हैं, जो भूखे-प्यासे हैं। ऐसे लोगों को पुलिस की तरफ से भोजन मुहैया कराया जा रहा है। उन्हें समझाकर पहले के स्थान पर रुकने की अपील भी की जा रही है, लेकिन वे इस कदर भयभीत हैं कि अपने गांव जाने पर अड़े हुए हैं।
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