मोदी सरकार का बड़ा फैसला, विदेश में कोरोना से मरने वाले भारतीयों के शव लाए जाएंगे, लेकिन...
गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कोरोना के कारण विदेश में दम तोड़ चुके भारतीय नागरिकों और ओसीआई कार्डधारियों के पार्थिव शारीर वापस भारत लाए जा सकते हैं। मगर जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन जरूरी होगा।
नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा हैं। वहीं अब तक विदेशों में बसे कई भारतीय नागरिकों की कोरोना से मौत हो चुकी हैं। ऐसे में भारत में रहने वाले परिवार अपने परिजनों का शव भारत मंगवाने की मांग की जा रही हैं। इसको लेकर अब गृह मंत्रालय ने अब महत्वपूर्ण लिया हैं।
गृह मंत्रालय ने रखी ये शर्त
गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कोरोना के कारण विदेश में दम तोड़ चुके भारतीय नागरिकों और ओसीआई कार्डधारियों के पार्थिव शारीर वापस भारत लाए जा सकते हैं। मगर जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन जरूरी होगा। गृह मंत्रालय ने शनिवार को अपने ट्ववीटर पर एक पत्र जारी करते हुए लिखा है कि विदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले भारतीय नागरिकों और प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों के शव या अस्थियां भारत लाये जा सकते हैं, लेकिन मंत्रालय द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन में दिए गए दिशानिर्देशों के सख्ती से पालन पर ही ऐसा संभव होगा। इस आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने कहा कि हवाईअड्डा अधिकारियों को इस संबंध में विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।
अनापत्ति पत्र और स्वीकृति सौंपने पर निर्भर करेगी
गृहमंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिकों और ओसीआई कार्डधारकों के शवों और अस्थियों को लाने के संबंध में आव्रजन गतिविधियों की अनुमति कोविड-19 से निपटने में लगे विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों के दिशानिर्देशों के सख्ती से पालन करने और साथ ही इस संबंध में स्वास्थ्य और विदेश मंत्रालय से मिले अनापत्ति पत्र और स्वीकृति सौंपने पर निर्भर करेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का सख्ती से पालन करना होगा।
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एपीएचओ मृत्यु प्रमाणपत्र की जांच करेगा
Standard Operating Procedures यानी एसओपी ने कोविड-19 के संदिग्ध और पुष्ट मामले में मौत होने पर शव और अस्थियां भारत लाना अनुशंसित नहीं हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि उपरोक्त अनुशंसा के विपरीत, ऐसे शव अगर भारतीय हवाईअड्डे पर पहुंचते हैं तो संबंधित हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारी (एपीएचओ) को निश्चित प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। एपीएचओ मृत्यु प्रमाणपत्र की जांच करेगा कि मृत्यु का कारण कोविड-19 का पुष्ट संक्रमण है अथवा संदिग्ध मामला है। वह यह भी जांच करेगा कि संबंधित शव को लाने के लिए भारतीय दूतावास अथवा उच्चायोग अथवा वाणिज्य दूतावास से अनापत्ति पत्र लिया गया है कि नहीं ।