इन आरोपों के बीच सेना ने लिया बड़ा फैसला, हेडक्वार्टर से छीना गया यह अधिकार
नई दिल्ली। सेना के अस्पतालों में डॉक्टरों की पोस्टिंग में सिफारिश के आरोपों के बीच सेना ने बड़ा फैसला लिया है। सेना ने मेडिकल ब्रांच में डॉक्टरों के ट्रांसफर और तैनाती के अधिकार को अब हेडक्वार्टर से वापस लेकर एडजुटेंट जनरल ब्रांच को सौंप दिया गया है। सेना की ओर से कहा गया है कि हमे इस तरह की कई शिकायतें मिली थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। सेना के सूत्रों के अनुसार सेना को इस तरह की कई शिकायतें मिल रही थी कि डॉक्टरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर को व्यक्तिगत लाभ, सिफारिश के आधार पर किया जा रहा है।
सेना के सूत्रों का कहना है कि इस तरह की कई शिकायतें मिली थी कि कई डॉक्टर अपने पूरे करियर में एक ही जगह तैनात रहे हैं। इन डॉक्टरों ने मेट्रोपोलिटन शहरों में ही अपना पूरा करियर बिताया है। सूत्रों के अनुसार एक डॉक्टर दंपति के बारे में यह शिकायत आई थी कि अपने 20 साल के करियर में ये दंपति दिल्ली और पुणे में ही तैनात रहे। इस तरह की शिकायतों के बाद ही सेना की ओर से यह फैसला लिया गया है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग को हेडक्वार्टर की बजाए एडजुटेंट जनरल की ब्रांच से किया जाएगा।
सूत्र का कहना है कि यह भी पाया गया है कि नौसेना और वायुसेना में भी ट्रांसफर और पोस्टिंग इसी तरह से होती है। सेना में डॉक्टर आर्मी मेडिकल कोर्प का हिस्सा होते हैं और ये सीधे रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं। सूत्र के अनुसार ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार कुछ समय के लिए सेना के हेडक्वार्टर को दिया गया था। लेकिन पिछले कुछ समय में एक और ऐसा मामला सामने आया था जिसमे सेना के मेडिकल कॉर्प के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ शिकायत आई थी, उनके खिलाफ सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा था, जिसकी जांच के आदेश दिए गए थे।
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