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समुद्र में बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत, चीन-पाक के लिए बनेगी बड़ी चुनौती

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नई दिल्ली। समुद्र में भारत की ताकत आज और बढ़ गई है, स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी आईएनएस को आज समुद्र में उतार दिया गया है। इसे मुंब के मझगांव डॉक पर उतारा गया और आईएनएस करंज को भारतीन नौसेना में शामिल कर लिया गया है। इस दौरान नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा भी यहां मौजूद थे। आपको बता दें कि इस पनडुब्बी का निर्माण मझगांव डॉकयार्ड में फ्रांस की मदद से किया गया है। यह पनडुब्बी बेहद ही आधुनिक तकनीक से बनी है और बेहद ही कम आवाज करती है, लिहाजा यह दुश्मन को बहुत आसानी से चकमा देने में माहिर है।

मेक इन इंडिया के तहत निर्माण

मेक इन इंडिया के तहत निर्माण

इस पनडुब्बी की खासियत यह है कि इसे मेक इन इँडिया के मिशन के तहत बनाया गया है और यह स्वदेशी पनडुब्बी है। यह पनडुब्बी अत्याधुनिक तकनीक से लैस है और बेहद ही सटीक निशाने पर हमला करने में सक्षम है, जोकि पाकिस्तान के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है।

दुश्मन पर रहेगी पैनी नजर

दुश्मन पर रहेगी पैनी नजर

इस पनडुब्बी को मझगाव डॉकयार्ड में फ्रांस की मदद से तैयार किया गया है, जिसमे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिसकी वजह से यह बेहद कम आवाज करती है। इसमे तारपीडो जैसे हथियार लगे हैं, जिसकी मदद से किसी भी जहाज या पनडुब्बी को मार गिराया जा सकता है। यह पनडुब्बी दुश्मन के इलाके की भी निगरानी करने में सक्षम है।

छह पनडुब्बियों को शामिल किया जाएगा

छह पनडुब्बियों को शामिल किया जाएगा

इससे पहले इसी क्लास की पनडुब्बी कलवरी को भी पिछले महीने नौसेना में शामिल किया गया था, जबकि दूसरी पनडुब्बी खंदेरी का अभी परीक्षण चल रहा है। इस तरह की कुल 6 पनडुब्बियों को तैयार किया जाएगा। इन सभी पनडुब्बियों को मझगांव डॉकयार्ड में तैयार किया जाएगा और 2020 तक नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा।

चीन के लिए साबित होगी चुनौती

चीन के लिए साबित होगी चुनौती

पिछले कुछ समय में जिस तरह से हिंद महासागर में भारत की चुनौतियां बढ़ी हैं उसे देखते हुए भारतीय नौसेना की ताकत को लगातार बढ़ाने का काम किया जा रहा है। मौजूदा समय में भारत के पास सिर्फ एक दर्जन ही पनडुब्बी हैं, जिसमे से सतकरीबन 6 से अधिक पनडुब्बियों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। लिहाजा भारत इन पनडुब्बियों को लॉच करके अपनी ताकत को हिंद महासागर में बढ़ा रहा है ताकि चीन की चुनौतियों से निपटा जा सके।

आसानी से पकड़ में नहीं आएगी राडार के

आसानी से पकड़ में नहीं आएगी राडार के

आपको बता दें कि करंज टारपीडो और एंटी शिप मिसाइल से हमला करती है और राडार की पकड़ में आसानी से नहीं आती है। यह समंदर से जमीन पर व पानी के भीतर से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है। इससे पहले स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को 14 दिसंबर 2017 व दूसरी पनडुब्बी खांदेरी को 12 जनवरी 2017 को लॉच किया गया था।

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English summary
Big challenge for China and Pakistan Indian navy gets third scorpene class submarine Karanj. In coming year 6 more to join the navy.
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