तेलंगाना में केसीआर के खिलाफ टीडीपी, कांग्रेस, सीपीआई का महागठबंधन
नई दिल्ली। तेलंगाना में जिस तरह से केसीआर ने विधानसभा को समय से पहले भंग किया और समय से पहले चुनाव की बात कर रहे थे, इस बीच विपक्षी दलों ने बड़ा दांव चला है। प्रदेश की तीन प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने केसीआर के खिलाफ महागठबंधन बनाने का ऐलान किया है, जिसमे कांग्रेस, टीडीपी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया शामिल हैं। तीनों ही दलों ने एक साथ मिलकर केसीआर के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में केसीआर की पार्टी टीआरएस के मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
राष्ट्रपति शासन की मांग
इन तमाम दलों ने एकजुट होकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि जबतक प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय नहीं आ जाता है तब तक यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। इस बाबत टीडीपी, कांग्रेस, तेलंगाना जन समिति और सीपीआई के नेताओं ने राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात की और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार यह महागठबंधन आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव की राह तय करेगा और हम एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में भी मैदान में उतरेंगे।
तमाम वर्ग से समर्थन की अपील
माना जा रहा है कि यह महागठबंधन प्रदेश में तमाम संगठनों, कर्मचारियों, बेरोजगारों और महिलाओं के संगठन से भी समर्थन की मांग करेगा, जिससे की प्रदेश में सत्ता की राह तक पहुंचा जा सके। तेलंगाना कांग्रेस मामलों के इंचार्ज आरसी खुंटी का कहना है कि यह अभी प्राथमिक चरण पर है, हमने अभी सीटों के बंटवारे पर बात नहीं की है, लेकिन हमने एक बड़े गठंबधन की ओर आगे बढ़ने का फैसला लिया है, जिसमे टीडीपी भी शामिल है, इसमे हम कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को तय करेंगे।
इसे भी पढ़ें- चोकसी के वीडियो पर राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, हमपर रखें भरोसा
35 साल में पहली बार कांग्रेस के साथ
यह पहली बार है जब 35 साल में टीडीपी ने कांग्रेस के साथ प्रदेश में हाथ मिलाया है। खूंटी का कहना है कि कांग्रेस में टीडीपी के खिलाफ किसी भी तरह की दुर्भावना नहीं है। आपको बता दें कि 6 सितंबर को राज्यपाल ने विधानसभा को भंग करने का मुख्यमंत्री का अनुरोध स्वीकार कर लिया था। मुख्यमंत्री केसीआर ने अपने पद से तमाम कैबिनेट मंत्रियों के साथ राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा था। जिसके बाद वह प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं।
इसे भी पढ़ें- क्यों नीलाम होने की स्थिति में आ गया बिहार सचिवालय, सिंचाई भवन के गेट पर कोर्ट ने लगवाया नोटिस