मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी से जुड़ी फाइल पर किया हस्ताक्षर
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भोपाल। कमलनाथ ने सोमवार को मध्य प्रदेश की कमान संभालते ही किसान कर्जमाफी से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा कमलनाथ ने 4 बड़े गवर्मेंट क्लस्टर स्थापित करने के साथ-साथ कन्यादान योजना की राशि को बढ़ाने का भी फैसला किया है। बता दें कि कमलनाथ ने किसान कर्जमाफी की फाइलों पर हस्ताक्षर शपथ लेने के कुछ घंटे के भीतर ही किया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने गए कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई।
बता दें कि मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने किसान कर्जमाफी का वादा किया था। अब उसी वादे को पूरा करने के लिए कमलनाथ से सबसे पहले किसान कर्जमाफी की फाइल हस्ताक्षर किया है। शपथ ग्रहण से ठीक पहले कमलनाथ ने कहा भी कि वे मतदाताओं की अपेक्षा पर खरा उतरने कोशिश करेंगे।
कमलनाथ ने कहा कि शपथ समारोह के बाद किसानों के कर्जमाफी और बेरोजगारों को महंगाई भत्ता देने का ऐलान किया जाएगा। इसको लेकर एक ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। वहीं राहुल गांधी ने मध्य प्रेदश में किसान कर्जमाफी पर कहा कि एक जगह पूरा हो गया जबकि दो जगह और बचा हुआ है।
Kamal Nath on 1984 Anti-Sikh riots: I took oath in 1991 & several times after that, no one said anything. There is no case,FIR,or chargesheet against me. Today they are raking up this matter. You can understand politics behind this. Did eyewitness tell you(about his involvement)? pic.twitter.com/506LqcBD4I
— ANI (@ANI) December 17, 2018
10
दिनों
के
भीतर
किसान
कर्ज
माफी
का
वादा
मध्य
प्रदेश
विधानसभा
चुनाव
प्रचार
के
दौरान
कांग्रेस
पार्टी
ने
अपने
मेनिफेस्टो
में
भी
यही
बात
कही
है।
पार्टी
ने
मध्य
प्रदेश
की
जनता
से
वादा
किया
है
कि
सरकार
बनने
के
10
दिन
के
भीतर
किसान
कर्जमाफी
की
जाएगी।
पार्टी
के
उसी
वादे
को
आगे
बढ़ाते
हुए
कमलनाथ
ने
मुख्यमंत्री
बनने
के
बाद
सबसे
पहले
किसान
कर्जमाफी
की
फाइलों
पर
हस्ताक्षर
किए।
बता
दें
कि
कमलनाथ
से
पहले
तमिलनाडु
के
मुख्यमंत्री
के
रूप
में
शपथ
लेने
के
बाद
करुणानिधि
ने
किसान
कर्जमाफी
की
फाइल
पर
हस्ताक्षर
किए
थे
लेकिन
इसके
बाद
अगला
चुनाव
वो
हार
गए
थे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने 1984 सिख दंगे पर कहा कि मैंने 1991 में शपथ ली और उसके बाद कई बार लेकिन किसी ने कुछ भी नहीं कहा। मेरे खिलाफ, कोई मामला, एफआईआर या चार्जशीट भी नहीं है। आव जे इस मामले को उठा रहे हैं। आप इसके पीछे की राजनीति को समझ सकते हैं।
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