क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पुणे पुलिस का दावा, भीमा कोरेगांव हिंसा सोची-समझी साजिश, कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुख्ता सबूत

Google Oneindia News

पुणे। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में हाल में की गई गिरफ्तारियों पर पुणे पुलिस का बयान आया है। पुणे पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा राज्य सरकार के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश थी और पुलिस के पास इसके पर्याप्त सबूत हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीमा कोरेगांव में हिंसा फैलाने का प्लान घटना के 8 महीने पहले ही बनाया जाने लगा था।

ये भी पढ़ें: बीजेपी ने राहुल की चीन यात्रा पर उठाए सवाल, राहुल को कहा 'चाइनीज' गांधी

पुलिस ने किया सबूत होने का दावा

पुलिस ने किया सबूत होने का दावा

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जो कागजात और अन्य चीजें बरामद की गई हैं, वो साबित करने के लिए काफी हैं कि इनका भीमा कोरेगांव हिंसा से संबंध था और एल्गर परिषद रैली भी इसका ही एक हिस्सा थी। इस मामले की जांच के दौरान इसमें माओवादियों के शामिल होने के संकेत मिले थे जबकि दूसरी ओर कुछ हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं की तरफ भी इशारा किया गया था। पुलिस अधिकारी के वेंकटेशम ने बताया कि माओवादियों से वामपंथी विचारकों के संबध का मामला एल्गर परिषद तक नहीं है, बल्कि इससे भी बड़ा है।

पहले से रची जा रही थी साजिश

पहले से रची जा रही थी साजिश

उन्होंने बताया कि एल्गर परिषद रैली से माओवादियों के संबंधों की जांच पुणे पुलिस द्वारा की जा रही है। जबकि संभाजी भिडे़ और मिलिंद के खिलाफ पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है। हाल ही में पुलिस ने 5 वामपंथी विचारकों को गिरफ्तार किया था जिसमें वामपंथी विचारक वरवरा राव, पत्रकार गौतम नवलखा, एक्टिविस्ट और वकील सुधा भारद्वाज, एक्टिविस्ट वेरनन गोंजालविस और कार्टूनिस्ट अरुण फरेरा शामिल हैं। जबकि 31 दिसंबर को एल्गर परिषद रैली के आयोजकों में से एक रिटायर्ड जज बीजी कोल्से पाटिल ने कहा कि अगर ये साजिश थी तो इसके पीछे हिंदू संगठनों का हाथ था।

वहीं, महाराष्ट्र पुलिस के एडीजी परमबीर सिंह ने कहा कि जब पुलिस को यकीन हो गया कि इनके माओवादियों से संबंध हैं, इसके बाद ही इन लोगों की धरपकड़ के लिए अलग-अलग शहरों में छापेमारी की गई थी। सबूत साफ इशारा करते हैं कि इनके माओवादियों के साथ संबंध हैं।

5 वामपंथी विचारकों की हुई थी गिरफ्तारी

5 वामपंथी विचारकों की हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि गिरफ्तार पांचों वामपंथी विचारकों को सुप्रीम कोर्ट ने पांच सितंबर तक के लिए नजरबंद रखने का आदेश दिया था। कोर्ट के इस आदेश को पुणे पुलिस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि, हिरासत लिए गए पांचों लोगों को रिमांड पर नहीं लिया जाएगा।

ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 35A पर सुनवाई टालने के लिए दिए गए ये तर्क

Comments
English summary
bhima koregaon violence was pre planned and have conclusive evidence claims pune police
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X