भीमा कोरेगांव हिंसा: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 12 सितंबर तक घर में नजरबंद रहेंगे कार्यकर्ता
मुंबई। भीमा कोरेगांव हिंसा केस में गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पांचों वामपंथी विचारकों को घर में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि सभी कार्यकर्ताओं की घर में नजरबंदी जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की अगली सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तारीख तय की है।
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सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगली सुनवाई तक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।इसके पहले इन पांचों कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ में इतिहासकार रोमिला थापर, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और कुछ अन्य कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि गिरफ्तार किए गए लोग हिंसा फैलाने की साजिश का हिस्सा हैं।
सरकार ने ये भी कहा कि ये लोग सीपीआई(माओवादी) के एजेंडे के तहत संपत्ति को नुकसान पहुंचाना चाहते थे और हिंसक घटनाओं के जरिए समाज में भय का माहौल पैदा करना चाहते थे। सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार पांचों वामपंथी विचारकों को नजरबंद रखने का आदेश दिया था। पांच वामपंथी विचारकों गौतम नवलखा, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और वरनोन गोंजालविस पर भीमा कोरेगांव में हिंसा फैलाने की साजिश में शामिल होने का आरोप है।
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