पुणे पुलिस का दावा, भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी गौतम नवलखा हिजबुल मुजाहिदीन के संपर्क में थे
नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल गौतम नवलखा ना सिर्फ कश्मीरी सेपरेटिस्ट बल्कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से भी ताल्लुक था। पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा में अपनी जो रिपोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर की है उसमे इस बाद का दावा का किया गया है कि गौतम आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के भी टच में थे। पुलिस ने हाई कोर्ट से अपील की है कि गौतम नवलखा की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए क्योंकि इस मामले की जांच में यह बड़ा तथ्य सामने आया है।
हालांकि कोर्ट ने गौमत नवलखा की गिरफ्तार पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। पुणे पुलिस की हाई कोर्ट में वकील अरुणा पई पैरवी कर रही हैं। जबकि गौतम नवलखा के वकील युग चौधरी हैं। बता दें कि डिविजन बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है, जिसमे जस्टिस रंजीत मोरे और जस्ति भारती डांगरे शामिल हैं। गौतम नवखरे की ओर से उनके खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर यह बेंच सुनवाई कर रही है।
बता दें कि पिछले वर्ष बॉम्बे हाई कोर्ट ने कथित नक्सल समर्थक गौतम नवलखा, प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे और पादरी स्टेन स्वामी को राहत देते हुए 21 नवंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। यही नहीं इसके बाद मामले की सुनवाई में नवलखा को अग्रिम सुनवाई तक गिरफ्तारी से राहत दी गई थी। पिछले वर्ष 2 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान पुणे पुलिस की ओर से दर्ज मामलों को रद्द करने की मांग को लेकर नवलखा, प्रोफेसर आनंद और स्वामी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
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