भीमा कोरेगांव केस: सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश
नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार सभी पांचों आरोपियों को राहत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटलते हुए पांचों आरोपियों को निचली अदलात में जमानत याचिका दाखिल करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को भी निरस्त कर दिया है जिसमें हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुणे ट्रायल कोर्ट के आदेश को बहाल करने की महाराष्ट्र सरकार की अपील को अनुमति दे दी है। जिसमें पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त 90 दिनों का समय मिल गया है। हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि फैसले में दी गई टिप्पणियों से याचिकाकर्ताओं के नियमित जमानत लेने के अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बता दें कि इससे पहले 10 जनवरी को सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने इस पर अपना फैसला रिजर्व रख लिया था। संदिग्ध माओवादी लिंक के आरोपों पर वकील सुरेंद्र गडलिंग, और कार्यकर्ता शोमा सेन, रोना विल्सन, सुधीर धवले और महेश राउत जून 2018 से हिरासत में हैं। बता दें कि इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अगर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो हिंसा के मामले में आरोपी तय वक्त में आरोप पत्र दायर न हो पाने के चलते जमानत के हकदार होंगे।
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