भीमा कोरेगांव मामला: SC ने गौतम नवलखा को सरेंडर के लिए दिया 1 सप्ताह का समय
नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण के लिए और समय मांगा है। एक्टिविस्ट गौतम नवलखा और आनंद तेलतुम्बडे की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने को सरेंडर करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया। साथ ही यह भी कहा कि आगे कोई और राहत नहीं मिलेगी। गौतम नवलखा के वकील ने कोर्ट में कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए हालातों को लेकर समय मांगा है।
एक्टिविस्ट गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे ने सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोरोनावायरस का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण के लिए और समय मांगा है। उनकी तरफ से मामले की पैरवी कर रहे वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि उनके दोनों मुवक्किलों की उम्र 65 वर्ष से अधिक है और उन्हें दिल की बीमारी भी है। ऐसे समय में जब अन्य जेलों से कैदी निकाले जा रहे हैं इस दौरान इन दोनों के जेल जाने की सजा वास्तव में मौत की सजा है।
सरकार की तरफ से पेश वकील और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह और ज्यादा समय लेने का एक तरीका है। जबकि दोनों ही आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर अपना आदेश फिलहाल सुरक्षित रख लिया है।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने 16 मार्च को इन कार्यकर्ताओं की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुये कहा था कि यह नहीं कहा जा सकता कि उनके खिलाफ पहली नजर में कोई मामला नहीं बना है। हालांकि, न्यायालय ने इन कार्यकर्ताओं को जेल अधिकारियों के समक्ष समर्पण करने के लिये तीन सप्ताह का वक्त दिया था।
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