सपा से गठबंधन तोड़ने पर भड़के भीम आर्मी चीफ, मायावती के बारे में ये कह दिया.....
नई दिल्ली- समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के बीएसपी प्रमुख मायावती के फैसले पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण ने अब उनके खिलाफ राजनीतिक बिगुल फूंक दिया है। रावण ने कहा है कि बसपा सुप्रीमो कांशीराम के सामाजिक न्याय आंदोलन को कमजोर कर रही हैं। बीएसपी चीफ पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए उन्होंने यहां तक कहा है कि उत्तर प्रदेश में बीएसपी अपनी ताकत अब खो चुकी है।
'मायावती ने बहुजन आंदोलन को कमजोर किया'
भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर ने शायद पहली बार सीधे-सीधे मायावती को भला-बुरा कहा है। खबरों के मुताबिक उन्होंने कहा है कि मायावती ने अखिलेश यादव की पार्टी के साथ गठबंधन को खत्म करके उत्तर प्रदेश में बहुजन आंदोलन को कमजोर करने का काम किया है। उन्होंने कांशीराम के सामाजिक न्याय के आंदोलन को कमजोर करने का काम किया है। उनके मुताबिक मायावती का ये फैसला, 'उन कमजोर वर्ग के लोगों के पक्ष में नहीं है, जिन्हें इनके गठबंधन से मजबूती मिली थी।' भीम आर्मी के मुखिया के मुताबिक अब बसपा ने यूपी में अपनी ताकत गंवा दी है। उन्होंने कहा कि 'जब सपा के साथ उन्होंने गठबंधन की घोषणा की थी, तो बीएसपी कार्यकर्ताओं को लगा था किया कि पार्टी आगे बढ़ेगी, लेकिन तभी उन्होंने गठबंधन तोड़ कर सभी को निराशा में डाल दिया।'
मायावती पर लगाया भाई-भतीजावाद का आरोप
चंद्रशेखर रावण ने आनंद कुमार और आकाश आनंद को बीएसपी में टॉप पोस्ट दिए जाने के खिलाफ भी मायावती पर हमला बोला है। उन्होंने इस फैसले के लिए बसपा अध्यक्ष पर पार्टी में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। मायावती के प्रति चंद्रशेखर के रवैये में यह बहुत बड़ा बदलाव माना जा रहा है। क्योंकि, अब तक सिर्फ मायावती ही उनपर एक तरफा बीजेपी का एजेंट होने के आरोप लगाकर आलोचना कर चुकी हैं। लेकिन, चंद्रशेखर उन्हें दलित आंदोलन को आगे ले जाने वाली नेता बताते रहे हैं। पहली बार चंद्रशेखर के बदले रुख को यूपी की दलित राजनीति में संभावित बदलाव का संकेत माना जा सकता है।
बीएसपी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे चंद्रशेखर?
गौरतलब है कि खुद को सुर्खियों में बनाए रखने के लिए चंद्रशेखर रावण ने बीते लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने सभी मोदी विरोधी दलों से अपने लिए समर्थन भी मांगा था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनसे अचानक मुलाकात करके भी एक नया शिगूफा छोड़ने की कोशिश की थी। लेकिन, बाद में अचानक रावण मोदी का मैदान छोड़कर भाग गए थे। अब जब उनसे पूछ गया है कि क्या वे 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव में भाग लेंगे, तो उन्होंने निर्णय नहीं लिए जाने की बात कहकर इसके जवाब को टाल दिया। अब देखने वाली बात होगी कि बीएसपी में मायावती के परिवार के लोगों का कद बढ़ने के बाद भीम आर्मी चीफ अपनी राजनीति को किस दिशा में मोड़ते हैं? क्योंकि, उनका सियासी मंसूबा तो पहले ही सामने आ चुका है।
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