नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे भीम आर्मी के चंद्रशेखर, CAA को बताया SC-ST विरोधी
नई दिल्ली। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और एनआरसी के खिलाफ याचिका दायर की है। चंद्रशेखर के अलावा, स्वामी अग्निवेश और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला ने भी एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
भीम आर्मी प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा है कि ये कानून SC/ST एक्ट का उल्लंघन करता है। चंद्रशेखर नागरिकता संशोधन कानून का लगातार विरोध करते रहे हैं। वे पिछले महीने में दिल्ली में हुए प्रदर्शन में भी शामिल हुए थे। इसके बाद दरियागंज इलाके में भड़की हिंसा के मामले में उनको गिरफ्तार कर लिया गया था। हाल ही में चंद्रशेखर को कोर्ट से सशर्त जमानत मिली है।
मंगलवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उनकी जमानत की शर्तों में कुछ रियायत करते हुए दिल्ली आने की इजाजत दे दी थी। हालांकि चंद्रशेखर को दिल्ली पुलिस को अपने कार्यक्रम के बारे में बताना होगा। इसके पहले, तीस हजारी कोर्ट से जमानत मिली थी लेकिन ये जमानत सशर्त थी, जिसमें उनको 24 घंटे के भीतर दिल्ली छोड़ने को कहा गया था।
इसके पहले, आज सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ और समर्थन में दायर 142 याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई। इन दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने असम से संबंधित याचिकाओं पर जवाब के लिए केंद्र को दो हफ्ते का वक्त दिया। इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने सुनवाई की।
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