आरक्षण को लेकर सुप्रीम के फैसले के खिलाफ चंद्रशेखर आजाद ने दायर की पुनर्विचार याचिका
नई दिल्ली। आरक्षण को लेकर जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया था, उसके बाद लगातार इस फैसले का विरोध हो रहा है। भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पुनर्विचार याचिका दायर की है। चंद्रशेखर आजाद ने 7 फरवरी के कोर्ट के फैसले के बाद यह पुनर्विचार याचिका दायर की है। बता दें कि कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि एससी और एसटी को नौकरी और पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार बाध्य नहीं है, यही नहीं कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। जिसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने पुनर्विचार याचिका दायर की है जिसमे कहा गया है कि कोर्ट का फैसले ने संवैधानिक प्रावधान को खत्म कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कई विपक्षी दलों ने विरोध किया है। इस मसले पर संसद में भी जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष सहित सरकार के सहयोगियों ने भी कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की थी। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है और देश की एक चौथाई आबादी से जुड़ा हुआ मुद्दा है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह इस बाबत कैबिनेट की बैठक करें और कहें कि वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। सरकार सुप्रीम कोर्ट से उसका फैसला वापस लेने को कहेगी, अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार कहे कि वह इस फैसले को रद्द करने के लिए एक बिल लेकर आएंगे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार के 5 सितंबर, 2012 के फैसले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरक्षण को लेकर यह टिप्पणी की थी। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण उपलब्ध कराए बिना सार्वजनिक सेवाओं में सभी पदों को भरे जाने का फैसला लिया था। सरकार के फैसले को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जहां इसे खारिज कर दिया गया था। अब हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपीलों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया था।
इसे भी पढ़ें- दिल्ली में BJP पर क्यों भारी पड़े केजरीवाल, कैलाश विजयवर्गीय ने बताई वजह