किसान संगठन BKU ने हिंसा के लिए पुलिस को ठहराया जिम्मेदार,कहा-बैरिकेड लगाकर किया भ्रमित
नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) में गणतंत्र दिवस(Republic day) पर ट्रैक्टर परेड (Tractor Rally) के दौरान हुई हिंसा से किसान नेता अपना पल्ला झाड़ने लगे हैं। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर समेत सभी जगहों पर पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की सीमाओं में दाखिल हुए किसान लाल किले में घुस गए थे। आईटीओ पर पुलिस मुख्यालय के सामने पुलिस और किसानों में झड़पें भी हुईं। भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने मंगलवार को ट्रैक्टर मार्च के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
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भारतीय किसान यूनियन ने एक बयान में कहा कि किसान उस मार्ग का अनुसरण कर रहे थे, जो ट्रैक्टर मार्च के लिए तय किए गए थे, लेकिन चिन्हित जगहों पर बैरिकेड ना लगाकर किसान यात्रा को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया गया। इसी का नतीजा यह हुआ कि ट्रैक्टर सवार भटक कर दिल्ली की तरफ आगे चले गए। परिणाम स्वरूप अवांछनीय तत्वों और कुछ संगठनों को मौका मिला और उन्होंने इस यात्रा में विघ्न डालने का कुत्सित प्रयास किया।
भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि, भाकियू इस कृत्य में लिप्त लोगों से खुद को अलग करती है। किसान यूनियन का हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन में विश्वास रहा है। राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की अपील पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड में भागीदारी निभाने वाले सभी किसान भाइयों का भाकियू तहे दिल से शुक्रिया अदा करती है। परेड के दौरान कुछ अवांछनीय तत्वों ने अप्रिय घटनाओं को अंजाम दिया उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
किसान संघ ने कहा कि यह हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहा है और दिल्ली में मंगलवार की हिंसा में शामिल लोगों के साथ हम खुद को अलग कर रहे हैं। यूनियन ने कहा कि हम उन लोगों की पहचान करेंगे, जिन्होंने किसानों के प्रदर्शन में बाधा पैदा करने की कोशिश की। बीकेयू किसी भी प्रकार की हिंसक गतिविधि में शामिल नहीं है। हम सभी से ऐसे तत्वों से दूर रहने की अपील करते हैं।
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