अब भारत बायोटेक कर रहा Nasal वैक्सीन पर काम, दो हफ्तों में शुरू सकता है ट्रायल
Corona Nasal Vaccine: देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम हो रही है। इस बीच नए साल पर सरकार ने जनता को एक खास तोहफा दिया था, जहां सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत दे दी गई। ऐसे में जल्द ही देश में कोरोना वायरस का टीकाकरण शुरू हो जाएगा। ये वैक्सीन इंजेक्शन के जरिए दो डोज में लोगों को दी जाएगी। इस वैक्सीन की मंजूरी के बाद अब भारत बायोटेक ने Nasal वैक्सीन पर काम शुरू कर दिया है, जो नाक के जरिए दी जाएगी।
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भारत बायोटेक के चीफ डॉ. कृष्णा इल्ला (Krishna Ella) ने कहा कि हम नाक से दी जाने वाली वैक्सीन (Nasal Vaccine) पर काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ साझेदारी की है। उन्होंने बताया कि नाक से दी जाने वाली वैक्सीन की एक ही खुराक कोरोना से बचाव के लिए काफी रहेगी, जबकि अभी 28 दिन के अंतराल पर दो डोज दी जा रही है। शोध में भी ये बात साबित हो चुकी है कि Nasal वैक्सीन एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि कोरोना वायरस नाक के जरिए शरीर में जाता है।
भारत बायोटेक के मुताबिक उनके पास इस बात का डेटा उपलब्ध है कि नाक से दी जाने वाली वैक्सीन इंजेक्शन वाले से बेहतर है। उनके वैज्ञानिक इस पर तेजी से काम कर रहे हैं। अगले दो हफ्ते के अंदर इस वैक्सीन के फेस-1 और 2 के ट्रायल शुरू करने की योजना है। जिसको लेकर DCGI के सामने प्रपोजल भेजा जाएगा। अभी कंपनी ने भुवनेश्वर, पुणे, नागपुर, और हैदराबाद में ट्रायल करने की योजना बनाई है। ट्रायल का प्रारूप इंजेक्शन वाली वैक्सीन की ही तरह रहेगा, जिसे 18 से 65 साल के वॉलेंटियर्स को दिया जाएगा।
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क्या
कह
रहे
विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों
का
मानना
है
कि
जब
भी
इंजेक्शन
के
जरिए
किसी
शख्स
को
कोरोना
वायरस
की
वैक्सीन
दी
जाती
है,
तो
उसके
फेफड़े
का
निचला
हिस्सा
ही
सुरक्षित
रहता
है।
वहीं
अगर
वैक्सीन
को
नाक
से
वैक्सीन
दी
गई
तो
ऊपर
और
नीचे
दोनों
हिस्से
सुरक्षित
हो
जाएंगे।
इसके
अलावा
जहां
पर
इंजेक्शन
लगता
है
वहां
पर
बाद
में
दर्द
जैसी
समस्या
रहती
है,
इस
वैक्सीन
के
आने
के
बाद
इससे
भी
निजात
मिलेगी।