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कोरोना की वैक्सीन कोवाक्सिन के तीसरे चरण का ट्रायल अक्टूबर से होगा शुरू

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैक्सीन को तैयार करने के लिए तमाम कंपनियों दिन रात काम कर रही हैं। इस रेस में भारत की भी कंपनियां हैं, जोकि वैक्सीन तैयार करने में जुटी हैं। कोरोना के चलते दुनियाभर में तकरीन 9.60 लाख लोगों की मौत हो चुकी है और 31 मिलियन से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेटे में आ चुके है। दुनियाभर में सैकड़ों वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। हर किसी को सफल, सस्ती और जल्द मुहैया होने वाली वैक्सीन का इंतजार है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में बन रही पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन जिसे भारत बायोटेक तैयार कर रहा है वह ट्रायल के अपने तीसरे चरण में पहुंच गया है।

आईसीएमआर के साथ मिलकर तैयार हो रही वैक्सीन

आईसीएमआर के साथ मिलकर तैयार हो रही वैक्सीन

आईसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक कोरोना की वैक्सीन को तैयार कर रहा है। यह वैक्सीन अपने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए तैयार है, जिसे अगले महीने शुरू किया जाएगा। रिपोर्ट की मानें तो भारत बायोटेक कोवाक्सिन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को अक्टूबर माह से शुरू करने जा रहा है। यह वैक्सीन कितनी प्रभावशाली है और यह संक्रमित लोगों पर कितनी सुरक्षित है, इस बात का ट्रायल तीसरे चरण में किया जाएगा। माना जा रहा है कि तीसरे चरण का ट्रायल 25 से 30 हजार लोगों पर किया जाएगा।

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100-200 मिलियन उत्पादन की क्षमता

100-200 मिलियन उत्पादन की क्षमता

बता दें कि वैक्सीन के दूसरे चरण का ट्रायल फिलहाल चल रहा है। जो आंकड़े पहले चरण के ट्रायल के बाद आए थे, उसे पहले ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास जमा करा दिया गया है। एक तरफ जहां इस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है तो दूसरी तरफ कंपनी ने इस वैक्सीन के उत्पादन के लिए हैदराबाद में बायोसेफ्टी सेफ्टी लेवल (बीएसएल)-3 की स्थापना कर दी है। बायोटेक के क्वालिटी ऑपरेसंश के अध्यक्ष साईं प्रसाद ने कहा कि मौजूदा क्षमता मौजूदा यहां 100 से 200 मिलियन डोज बनाने की है।

गाइडलाइन

गाइडलाइन

कोरोना के कहर को रोकने के लिए भारत में भी तीन वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग स्टेज पर है। वैक्सीन को लेकर सरकार भी गंभीर है, जिस वजह से अभी से ही ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। उन्होंने वैक्सीन बना रही कंपनियों से साफ कर दिया है कि बाजार में आने से पहले तीसरे चरण के ट्रायल में उसका 50 प्रतिशत कारगर होना जरूरी है। गाइडलाइन में कहा गया कि जो कंपनियां भारत में वैक्सीन बना रही उन्हें संवर्धित श्वसन रोग (ईआरडी) के संभावित जोखिम से संबंधित सारा डेटा DCGI को देना होगा। इसके अलावा वैक्सीन बनाते वक्त गर्भवती महिलाओं के भी बारे में ध्यान रखा जाए।

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English summary
Bharat Biotech to begin its phase 3 trial of coronavirus vaccine covaxin in october.
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