जानिए भारत बंद के एक आम आदमी के लिए क्या हैं मायने
नई दिल्ली। शुक्रवार यानी दो सितंबर 10 केंद्रीय यूनियनों को एक मिलियन से भी ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे और 'भारत बंद' में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। भारत बंद को ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के नाम से भी जाना जा रहा है। यह हड़ताल् केंद्र की मोदी सरकार की मजदूरों के खिलाफ बनाई नीतियों के लिए हो रही है।
क्यों हैं हड़ताल
यूनियनों का दावा है कि करीब 18 करोड़ कर्मी इस भारत बंद में शामिल है और इसे पिछले वर्ष की तुलना में कहीं ज्यादा प्रभावशाली बनाया जाएगा। पिछले वर्ष भी दो सितंबर को ही भारत बंद की अपील सेंट्रल ट्रेड यूनियन सानी सीटीयू की ओर से की गई थी। आज की हड़ताल में बैंक, पब्लिक सेक्टर, टेलीकॉम और फैक्ट्रियों के संगठन शामिल हैं।
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इन सबकी मांग है कि औद्योगिक सुधार हों, निवेश नीतियों और योजनाओं को बदला जाए और उन्हें घाटा झेल रही कंपनियों के करीब लाया जाए। एक नजर डालिए भारत बंद के दौरान एक आम आदमी को क्या-क्या बातें प्रभावित कर सकती हैं।
क्या-क्या होगा प्रभावित
- कम से कम छह पब्लिक सेक्टर बैंकों के कर्मी इस हड़ताल का हिस्सा हैं।
- प्राइवेट बैंक और एटीएम हालांकि इस दौरान काम करते रहेंगे।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
- दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद में ऑटो-रिक्शा यूनियनों ने हड़ताल के साथ काम न करने का फैसला किया है।
- रेलवे और मेट्रो सर्विस हालांकि अपने शेड्यूल के हिसाब से ही संचालित होंगी।
- स्कूल और कॉलेजों ने कोई छुट्टी नहीं घोषित की और वह खुले हैं।
- टेलीकॉम, इलेक्ट्रिसिटी और इंश्योरेंस जैसे क्षेत्र प्रभावित।
- कोल इंडिया के कर्मी भी हड़ताल का हिस्सा लेकिन अधिकारियों का कहना बिजली की आपूर्ति में कमी नहीं होगी।
- दूध और पानी की सप्लाई को बंद से दूर रखा गया है।
- मेडिकल शॉप और अस्पताल भी खुले रहेंगे।