बेंगलुरु हिंसा: पांच लोगों ने किया 200-300 उपद्रवियों का नेतृत्व, पुलिसकर्मियों की हत्या के लगा रहे थे नारे
नई दिल्ली। भारत की आईटी राजधानी कहे जाने वाले बेंगलुरु में एक विवादित फेसबुक पोस्ट को लेकर भड़की हिंसा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। मंगलवार रात कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति के आवास पर हमला कर भारी संख्या में भीड़ ने आगजनी और तोड़फोड़ की। इस घटना के दो दिन बाद पुलिस जांच में बड़ा खुलासा किया गया है। हिंसा के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में पांच लोगों को नामजद किया गया है, आरोप है कि घटना की रात इन्हीं पांच लोगों ने 200 से 300 लोगों के गिरोह का नेतृत्व किया था।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक एफआईआर में दावा किया गया है कि 200 से 300 अज्ञात उपद्रवी हाथ में धारदार चाकू और अन्य खतरनाक हथियार लिए पुलिसकर्मियों को पीट-पीटकर जान से मारने के नारे लगा रहे थे। पुलिस के मुताबिक इन लोगों के पास पेट्रोल से भरे प्लास्टिक के बोतल थे जिसे पुलिसकर्मियों के ऊपर फेंका गया। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में हिंसा के लिए एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा किया है। इस बीच हालात को पूरी तरह से काबू करने के लिए अब डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस स्टेशन की सीमा के तहत आने वाले क्षेत्रों में धारा 144 को बढ़ाकर 15 अगस्त को सुबह 6 बजे तक कर दिया गया है।
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बता दें कि घटना के अगले दिन बुधवार को कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि जिला मजिस्ट्रेट बेंगलुरु में भीड़ की हिंसा की जांच करेंगे और इस मामले में अब तक 146 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बोम्मई ने कहा था कि जिला मजिस्ट्रेट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार इस घटना की जांच करेंगे। बता दें कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर आगजनी, पथराव और पुलिस पर हमले के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में आरोपी नवीन (कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति का भतीजा) को भी सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
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