सांसद बनने के बाद भी पार्षद का पद छोड़ने को तैयार नहीं ये बीजेपी नेता
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से बंपर प्रदर्शन किया है। प्रचंड बहुमत के साथ एक बार फिर मोदी सरकार की वापसी हुई है। इस चुनाव में बीजेपी ने अकेले 303 सीटें अपने नाम की है। इसमें कर्नाटक की कोलार लोकसभा सीट भी शामिल है। यहां से बीजेपी नेता एस. मुनीस्वामी ने जीत दर्ज की है, हालांकि सांसद बनने के बाद भी मुनीस्वामी पार्षद का पद नहीं छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि कोई नेता सांसद बनने के बाद पार्षद पद पर बना नहीं रह सकता, इसलिए वो इस पद पर बने रहेंगे।
कडुगोडी वार्ड के पार्षद एस. मुनीस्वामी बने कोलार सीट से सांसद
बेंगलुरु के कडुगोडी वार्ड के कॉरपोरेटर एस. मुनीस्वामी कोलार लोकसभा सीट से जीत कर सांसद बने हैं। संसद सदस्य बनने के बाद भी मुनीस्वामी पार्षद बने रहना चाहते हैं। इकोनॉमिक टाइम्स (ईटी) से उन्होंने कहा, "कर्नाटक नगर निगम अधिनियम, 1976 के तहत ऐसे किसी नियम की जानकारी नहीं दी गई है कि सांसद बनने के बाद एक पार्षद को अपने पद से इस्तीफा देना होता है। जब कानून में ऐसा कोई नियम ही नहीं है तो मेरे पार्षद पद से इस्तीफे की क्या जरूरत है।"
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बीजेपी सांसद बोले- मैं पार्षद बना रहूंगा, लेकिन इसके भत्ते नहीं लूंगा
बीजेपी सांसद ने ये जरूर कहा, "मैं इस पद पर बना रहूंगा, लेकिन मुझे पार्षद के तौर पर जो भत्ता मिलता है उसे मैं लेना बंद कर दूंगा।" भले ही बीजेपी सांसद अपना पार्षद पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं है लेकिन कई नेताओं ने उनके इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। ईटी से बातचीत में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और बीबीएमपी के कमिश्नर रहे के. जयराज ने बताया, "अगर विधायक निगम में पदेन सदस्यों के रूप में काम करना जारी रखते हैं, तो यह समझ में आता है, लेकिन मैं हैरान हूं कि देश की सर्वोच्च नीति बनाने वाली संस्था संसद के लिए चुने गए व्यक्ति, निगम के सदस्य के रूप में क्यों बने रहना चाहते हैं।"
सात बार के सांसद केएच मुनियप्पा को दो लाख से ज्यादा वोटों से हराया
बता दें कि 'मोदी लहर' में बीजेपी उम्मीदवार एस. मुनीस्वामी ने कोलार लोकसभा सीट पर कांग्रेस के सात बार के सांसद केएच मुनीयप्पा को करीब दो लाख से ज्यादा वोटों से हराया है। मुनीस्वामी को जहां 7 लाख 9 हजार 165 वोट मिले, वहीं कांग्रेस नेता मुनीयप्पा को 4 लाख 99 हजार 144 मत मिले। बीजेपी का वोट शेयर 56.35 फीसदी रहा, वहीं कांग्रेस का वोट शेयर इसी सीट पर 39.66 फीसदी रहा। पार्षद रहते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता को हराने वाले मुनीस्वामी ये उपलब्धि हासिल करने वाले पहले नेता हैं।
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