बेंगलुरू में 27 साल की महिला को दूसरी बार हुआ कोरोना, एक महीने पहले हुई थी अस्पताल से डिस्चार्ज
बेंगलुरू। देश में कोरोना का कहर जारी है, क्या आम और क्या खास सभी इस महामारी की चपेट में हैं, सोमवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 90,802 नए मामले सामने आए हैं और 1,016 मरीजों की मौत हुई है। अब देश में कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 42,04,614 हो गई है, जिसमें 8,82,542 सक्रिय मामले, 32,50,429 ठीक/डिस्चार्ज/विस्थापित मामले और 71,642 मौतें शामिल हैं।
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जहां कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या ने प्रशासन की चिंता बढ़ाई है वहीं दूसरी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू के एक अस्पताल से बेहद हैरान करने वाली खबर सामने आयी है, यहां के फोर्टिंस अस्पताल ने बताया है कि 27 वर्षीय एक महिला दोबारा कोरोना संक्रमित निकली हैं, इस महिला को पहली बार जुलाई में कोरोना हुआ था और उस वक्त वो ठीक हो गईं थी, जुलाई में इस महिला के अंदर हल्के बुखार-खांसी के लक्षण देखे गए थे, उसके बाद उनका कोविड 19 टेस्ट हुआ था, जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं।
एक महीने पहले हुई थी अस्पताल से डिस्चार्ज
उसके बाद उनका इलाज हुआ जिसके बाद वो एकदम से ठीक हो गईं लेकिन अब एक बार फिर महिला में हल्के लक्षण दिखे जिसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है, बता दें कि इस तरह का भारत में यह पहला मामला है, जिसने डॉक्टरों को भी परेशानी में डाल दिया है। इस बारे में बात करते हुए फोर्टिस अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग में साहयक डॉ. प्रतीक पाटिल ने मीडिया से कहा कि जुलाई के पहले हफ्ते में महिला कोरोना संक्रमित निकली थीं, उसके बाद उनका इलाज हुआ था और उनका संक्रमण ठीक हो गया था, रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें 24 जुलाई को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था लेकिन एक महीने बाद अगस्त के आखिर में उसमें फिर से हल्के लक्षण नजर आए, टेस्ट करवाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई, हालांकि महिला को कोरोना के हल्के लक्षण हैं, उनमें पहली बार भी हल्के ही लक्षण थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कही खास बात
गौरतलब है कि कोरोना के तांडव के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुए क्लिनिकल ट्रायल में यह बात सामने आई है कि सस्ते, व्यापक रूप से उपलब्ध स्टेरॉयड दवाएं गंभीर रूप से बीमार रोगियों को कोरोना से बचने में मदद कर सकती हैं इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सबूतों के आधार पर नई एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक, कोरोना की वजह से गंभीर रूप से बीमार रोगियों के इलाज के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन हल्के लक्षणों वाले रोगियों के लिए इसका प्रयोग सही नहीं है।
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