बैंगलुरू ब्लास्ट: कराची के अलफला बैंक से की गई सिमी के आतंकियों को फंडिंग?
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरू के चर्च स्ट्रीट स्थित एक रेस्टोरेंट के बाहर रविवार की शाम हुआ ब्लास्ट लो इंटेनसिटी का था लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि ये किसी बड़ी साजिश का ट्रायल रन था। धमाका छोटा था, लेकिन इसकी साजिश के तार और आतंकी कनेक्शन बेहद चौंकाने वाले हैं। जी हां इस धमाके में कराची कनेक्शन होने की बात सामने आ रही है। सीधे शब्दों में कहें तो अपने पाले आतंक का दंश झेलने के बाद भी पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं लिया है।
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आईबी के मुताबिक सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन का एक अहम मॉड्यूल कराची से ऑपरेट किया जा रहा है। इस बात का खुलासा सिमी के खूंखार आतंकी उमर सिद्दीकी के गिरफ्तारी के बाद उसके पास से बरामद दस्तावेजों से हुआ है। उमर सिद्दीकी ने बताया कि कराची के अलफला बैंक में जैर अली खान के नाम से एक खाता खुला हुआ है। जैर अली खान के इसी खाते से इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी के आतंकियों को फंडिंग की जा रही है। जैर अली सिमी और आईएम के आतंकियों का बेहद नजदीकी है।
हाई अलर्ट पर था बैंगलुरू फिर कैसे कामयाब हुए आतंकी
कराची में साजिश जैसे भी रची गई हो लेकिन सोचने वाली बात ये है कि सिमी के आतंकियों ने इसे बैंगलुरू में अंजाम कैसे दे दिया क्योंकि बैंगलुरू तो आईएसआईएस के आतंकी मेहदी विश्वास के गिरफ्तारी के बाद से ही हाई अर्लट पर था। इतना ही नहीं सिमी के जिन पांच आतंकियों पर ब्लास्ट करने का शक गहरा रहा है उनकी गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियों की नजर भी थी। इसके बाद भी हमला हुआ तो क्या ये सुरक्षा एजेंसियों की चूक नहीं है? उल्लेखनीय है कि आतंकी हमलों को लेकर गृह मंत्रालय ने दिसंबर के शुरु में ही अलर्ट जारी कर दिया था।
वजह थी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की आतंकियों से बातचीत की रिकॉर्डिंग जिसमें सिमी के आतंकियों को बड़ा प्रोजेक्ट देने की बात सामने आई थी। ये बात बैंगलुरू ब्लास्ट के साथ उसमें हुए आईईडी का इस्तमाल और प्लांट करने के तरीकों से भी साबित होती है जिस तरह से आईईडी, पाइप बम, टाइमर और अमोनियम नाइट्रेट मौका ए वारदात से बरामद हुए है वो सीधे तौर पर सिमी की तरफ इशारा कर रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि हाई अलर्ट होने के बावजूद भी सिमी के पांच आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब कैसे हो गये जबकि इन आतंकियों के बैंगलुरू में होने की खबर सितंबर में ही मिल गई थी।
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इसके बाद पुणे और चेन्नई रेलवे स्टेशन पर हुए ब्लास्ट में भी इन्ही आतंकियों का नाम सामने आया था। उसके बाद 14 सितंबर को बैंगलुरू पुलिस के ट्विटर अकाउंट पर गुमनाम अकाउंट से ब्लास्ट की धमकी दी गई थी। बैंगलुरू पुलिस ने सर्तकता के तमाम दावे भी किए थे लेकिन फिर भी आतंकी कामयाब हो गये। ऐसे तें जाहिर तौर पर इसमें बड़ी नाकाम पुलिस और खुफिया एजेंसियों की है और अब आतंकियों की गिरफ्तारी पर ईनाम का ऐलान किया गया है। आपको बताते चलें कि सिमी के ये पांचों आतंकी मध्य प्रदेश के खंडवा जेल से फरार हुए थे।