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पश्चिम बंगाल के वो पति-पत्नी, जो संस्कृत को जिंदा रखने के लिए संस्कृत भाषा में ही करते हैं झगड़ा

परिवार के सदस्य घर पर बातचीत के लिए सिर्फ संस्कृत भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं। सबसे बड़ी बात 32 वर्षीय मौमिता बार ने अपने पति प्रणब बार (39) के साथ कभी बंगाली भाषा में बात नहीं की।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। संस्कृत में बात संस्कृत में झगड़ा ये कहानी है एक बंगाली दंपत्ति की। पति पत्नी बात भी संस्कृत में करते हैं और झगड़ा भी संस्कृत में ही करते है। ये बंगाली परिवार संस्कृत को जिंदा रखने के लिए अपने घर में इसी भाषा का इस्तेमाल करता है। पश्चिम बंगाल में यह अकेला परिवार है, जो दूसरी भाषाओं के प्रभुत्व के बीच संस्कृत को जिंदा रखने की कोशिश कर रहा है। परिवार के सदस्य घर पर बातचीत के लिए सिर्फ संस्कृत भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं।

'घर पर बातचीत के लिए सिर्फ संस्कृत भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं'

'घर पर बातचीत के लिए सिर्फ संस्कृत भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं'

परिवार के सदस्य घर पर बातचीत के लिए सिर्फ संस्कृत भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं। सबसे बड़ी बात 32 वर्षीय मौमिता बार ने अपने पति प्रणब बार (39) के साथ कभी बंगाली भाषा में बात नहीं की। वे दोनों साल 2006 में हलिशाहर निगमनंद सरस्वत मठ में मिले थे, तभी से दोनों संस्कृत में एक दूसरे से बात कर रहे हैं। मौमिता वहां संस्कृत भाषा सीख रही थीं और अतिरिक्त पाठ के लिए वहां आईं थीं। वहीं, प्रणब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक सहयोगी संस्था संस्कृत भारती के तहत चलाए गए 15 दिवसीय संस्कृत कैंप में इस भाषा को सिखाने के लिए गए थे। आरएसएस की यह शाखा संस्कृत भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए काम करती है।

'हम संस्कृत को अपनी परिवारिक भाषा बनाएंगे'

'हम संस्कृत को अपनी परिवारिक भाषा बनाएंगे'

मौमिता ने कहा कि हम झगड़े भी संस्कृत में करते हैं। वह उत्तरी 24 परगना जिले के कलिनगर हाई स्कूल में इस भाषा को सिखाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रणब के साथ हमारी पहली बातचीत संस्कृत भाषा में ही हुई थी और तभी से वह आज तक बदस्तूर जारी है। बाद में हमने फैसला किया कि हम संस्कृत को अपनी परिवारिक भाषा बनाएंगे।दोनों ने साल 2010 में शादी कर ली। इस बार परिवार में उनकी मातृभाषा बंगाली सिर्फ तभी बोली जाती है, जब कोई मेहमान घर में आता है। हालांकि, परिवार बंगाली अखबार पढ़ता है और बच्चों को बंगाली कॉमिक्स और साहित्य भी पढ़ने को दिए जाते हैं।

यहां पर बोली जाती है संस्कृत

यहां पर बोली जाती है संस्कृत

आपको बता दें कि देश में कर्नाटक के मटूर और मध्यप्रदेश में झीरी में कुछ परिवार बातचीत में संस्कृत भाषा का उपयोग करते हैं। कर्नाटक के होशहाल्ली गांव, मध्य प्रदेश के मोहदाद और बाघुवार और राजस्थान के गांनोदा में कुछ ग्रामीण भी संस्कृत में बोलते हैं।

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English summary
Bengali family speaks only Sanskrit at home to keep alive this language
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