कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर पर एक्शन ना लेने से नाराज अभिनेत्री ने छोड़ी भाजपा
नई दिल्ली। दिल्ली में भड़की हिंसा की आग ने करीब 43 लोगों की जान ले ली और लगभग 200 लोग घायल हुए हैं। इस घटना से आहत हुई फेसम बंगाली एक्ट्रेस और भारतीय जनता पार्टी की नेता सुभद्रा मुखर्जी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने साल 2013 में बीजेपी ज्वाइन किया था। सुभद्रा ने भाजपा से अपने इस्तीफे की वजह उन्हीं की पार्टी के नेता कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर के खिलाफ कोई एक्शन न लेने को बताया है।
पीएम मोदी से प्रभावित होकर आई थीं राजनीति में
फेसम बंगाली टीवी सीरियल 'बोउ कोठा कोउ', साधारण मेये, खिलाड़ी, रोमियो और जूलियट सहित कई बंगाली फिल्मों में काम कर चुकीं एक्ट्रेस सुभद्रा मुखर्जी ने बीजेपी छोड़ने के फैसले को लेकर कहा, मैंने यह निर्णय काफी इंतजार के बाद लिया है। उन्होंने कहा, 'मैं पीएम मोदी को देखकर राजनीति में आई थी लेकिन यहां आकर जो देखा वह विनाशकारी लग रहा है।' उन्होंने आगे कहा, मैंने 2013 में बीजेपी के नेतृत्व और विचार से प्रभावित होकर पार्टी को चुना था लेकिन हाल के कुछ वर्षों में देखा कि पार्टी के विचार सही रास्ते पर नहीं है।
लोगों में धर्म के नाम पर घृणा फैला रही बीजेपी
सुभद्रा मुखर्जी बताती हैं कि मैंने महसूस किया कि भाजपा की विचारधारा लोगों में धर्म के नाम पर घृणा फैलाने की ओर जा रही है। मैंने यह फैसले बहुत सोच विचार के लिए हैं। एक्ट्रेस ने कहा, ऐसी पार्टी से दूर रहना ही पसंद करूंगी जहां कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर जैसे लोग हैं। सुभद्रा मुखर्जी ने बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा बंगाल भाजपा इकाई के चीफ दिलिप घोष को सौंपा है। उन्होंने दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि दंगों ने लोगों को बांट दिया है, कई लोग मार दिए गए, कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया।
कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर पर दिया ये बयान
सुभद्रा मुखर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बीजेपी, कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर द्वारा दिए भड़काऊ बयानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। दिल्ली दंगों ने मुझे पूरी तरह हिला दिया, ऐसी पार्टी से मैं दूर ही रहना पसंद करूंगी जो अपने ही नेताओं पर कार्रवाई करने में झिझकती हो। ऐसी पार्टी से दूर ही रहना चाहूंगी जहां अनुराग और कपिल जैसे नेता हों।
सीएए को लेकर एक्ट्रेस ने कही ये बात
सीएए को लेकर एक्ट्रेस ने कहा, पड़ोसी देश में लोग प्रताड़ित हो रहे हैं उनको नागरिकता देना अच्छी बात है, लोकिन उन्हें नागरिकता देने के नाम पर आप भारतीय की जान से क्यों खिलवाड़ कर रहे हैं। सुभद्रा मुखर्जी ने पूछा, अचानक नागरिकता साबित करने की क्या जरूरत आन पड़ी? मैं इस फैसले की निंदा करती हूं। मुझे ऐसा लग रहा है कि मानवता की हत्या कर के असूरों को जन्म दे रहे हैं। इस फैसले से लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हुई है, इससे दिल्ली ही नहीं पूरे देश में अशांति का महौल बनेगा।
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