पश्चिम बंगाल: हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दिया वोटिंग की तारीखें बदलने का आदेश
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए कोलकाता हाई कोर्ट ने नामांकन का आखिरी तारीख को आगे बढ़ा दी है। अब इसकी आखिरी राज्य चुनाव आयोग तय करेगा। हाई कोर्ट ने नामांकन की आखिरी तारीख और वोटिंग के पहले दिन के बीच 21 दिनों के लंबे अंतराल को देखते हुए, यह फैसला लिया है। अगर कोर्ट के आदेश को कोई चुनौती नहीं देता है, तो वोटिंग की तारीख के बदलने की पूरी संभावना है। बंगाल में 1, 3 और 5 मई को पंचायत चुनाव होने थे।
हाई कोर्ट के इस फैसले से बीजेपी काफी खुश है। बंगाल में बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी प्रताप बनर्जी ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि बंगाल में खतरे में पड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में मदद करने के लिए अदालत आगे आ गई है। यह उन लोगों के लिए एक जीत है, जिन्हें पुलिस से नामांकन दाखिल करने में कोई मदद नहीं मिली।
तृणमूल कांग्रेस के वकील कल्याण बनर्जी ने कहा कि अदालत ने चुनाव आयुक्त को हटाने और केंद्रीय बलों को तैनात करने वाली बीजेपी की याचिका को अनुमति नहीं दी है। वहीं, कांग्रेस ने अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि "इसका मतलब यह नहीं कि यहां हिंसा खत्म हो जाएगी"। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा, "एक नई तारीख की घोषणा की जाएगी और सत्ताधारी पार्टी द्वारा हिंसा का एक नया अध्याय जारी की जाएगा।"
गौरतलब है कि यह निर्णय विपक्षी दलों के लिए राहत भरा है, जिन्होंने 2 अप्रैल को नामांकन शुरू होने के बाद तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल के समर्थकों ने अपने उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने की कोशिश की। चुनाव से संबंधित संघर्ष अब तक 6 लोग मारे जा चुके हैं।
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