नागरिकता बिल का विरोध: ममता बनर्जी ने की शांति की अपील, बीजेपी ने TMC को ठहराया जिम्मेदार
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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा में शामिल पाए गए उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए उन्हें राज्य में हो रही हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में ममता बनर्जी ने कहा, 'कानून अपने हाथ में न लें। रास्ते रोकने और आम लोगों को जिस कार्य से दिक्कत पहुंचे, ऐसा कोई भी कार्य न करें।' उन्होंने यह भी कहा, 'सरकारी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं। शांति भंग करने वाले सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।' बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के बाद से पश्चिम बंगाल में भी विरोध प्रदर्शन जारी है। इसकी वजह से ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है।
बता दें कि उपद्रवियों ने सड़कों को जाम करते हुए कोना एक्सप्रेसवे में 15 बसों को आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं, एक्सप्रेसवे पर एक पुलिस वैन को भी जला दिया गया। उपद्रवियों ने संकरेल रेलवे स्टेशन का एक हिस्सा भी जला दिया। इसके साथ संकरेल में एक पुलिस जीप में तोड़फोड़ की गई। यही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद में एनएच-34 को ब्लॉक कर दिया और सुती पर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट की तीन बसों में जमकर तोड़फोड़ की। इन तमाम घटनाओं के बाद से आम लोगों में दहशत का माहौल है।
वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी के नेता राहुल सिन्हा ने नागरिकता बिल के विरोध में हो रहे हिंसक प्रर्दशन को लेकर कहा कि, टीएमसी के कारण राज्य जल रहा है, अगर यह इसी तरह जारी रहा तो राष्ट्रपति शासन के अलावा कोई समाधान नहीं होगा। सीएम को पुलिस को संदेश देना चाहिए कि अगर प्रदर्शनकारियों को हिंसा करते हुए देखा जाता है, तो उन्हें गोली मार दी जानी चाहिए।
वहीं पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने कहा कि, यदि संसद ने अपनी बुद्धि से हमें एक कानून दिया है, जो भूमि का नियम है, तो विशेष रूप से मेरे जैसे सभी और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को इस पर विश्वास करना होगा। यह कानून पूरे देश में लागू है। मैं यह नहीं कह सकता कि मैं इसके द्वारा नहीं जाऊंगा, कोई और इसे नहीं कह सकता। अगर किसी ने संविधान के तहत शपथ ली है तो वे यह नहीं कह सकते कि इसे चुनौती दी जाएगी। मैं सभी से अपील करता हूं, कृपया इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करें।
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