पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का आरोप-दुर्गा पूजा में हुआ अपमान, दुखी हूं
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि शहर में हुए दुर्गा पूजा महोत्सव में उन्होंने अपमानित महसूस किया। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी चीज उनके संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने के आड़े नहीं आ सकती है। राज्यपाल ने यह नहीं बताया है कि कार्यक्रम में ऐसा क्या हुआ था जिससे उन्होंने अपमानित महसूस किया। कार्यक्रम का आयोजन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने किया था। वहीं टीएमसी ने राज्यपाल को आरोपों को गलत बताया है।
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को हुए इस महोत्सव की बैठक व्यवस्था से धनखड़ खुश नहीं थे। उन्होंने बताया कि राज्यपाल को मंच पर किनारे की सीट दी गई थी और इस वजह से वह कार्यक्रम को ठीक प्रकार से देख नहीं सके थे। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि यह उनकी नहीं बल्कि बंगाल के लोगों की बेइज्जती है। उन्होंने आरोप लगाया ममता बनर्जी सरकार द्वारा उन्हें पूरे 11 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के दौरान उनका अपमान हुआ और उन्हें ठीक से दुर्गा पूजा देखने भी नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, 'मैं चार घंटे तक वहां बैठा रहा, लेकिन मुझे पूरी तरह से दरकिनार किया गया। मुझे आमंत्रित करने के बाद आप मुझे सेंसर कैसे कर सकते हैं? किसी ने मुझे कहा कि यह घटना आपातकाल की याद दिलाती है। धनखड़ ने कहा, 'इतना दुखी था कि इस सदमे से बाहर आने में मुझे तीन दिन का वक्त लगा। उन्होंने कहा कि, 'राज्य के पहले नागरिक के लिए सरकार के ऐसे अभद्र रवैये पर क्या ही कहूं। मुझे लगता है कि सरकार इस पर आत्ममंथन जरूर करेगी। हम एक राज्य का हिस्सा हैं। मुझे काफी दुख हुआ।
राज्यपाल के आरोपों का जवाब देते हुए टीएमसी लीडर तापस रॉय ने कहा कि, राज्यपाल धनखड़ बिना बात का मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले पर वह हफ्तेभर बाद टिप्पणी क्यों कर रहे हैं? वह प्रचार के भूखे हैं। वह इस तरह से कार्य कर रहे हैं, जो राज्यपाल को शोभा नहीं देता है। बता दें कि, इस कार्यक्रम में ममता बनर्जी मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यपाल, विभिन्न वाणिज्य दूतावासों के सदस्य तथा कई अहम लोग शामिल हुए थे।
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