ममता सरकार का बड़ा फैसला, एक जुलाई को डॉक्टर्स डे पर रहेगा राजकीय अवकाश
नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना महामारी फैल चुकी है। इस बीच देश के स्वास्थ्यकर्मी फ्रंटलाइन पर खड़े होकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। देश में कई डॉक्टरों के कोरोना संक्रमित होने की भी खबर सामने आई है। इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत डॉक्टर्स डे (Doctor's Day) पर अवकाश की घोषणा की गई है। इस दिन सभी कार्यालय और संस्थान बंद रहेंगे।
सीएम ममता बनर्जी के मुताबिक मौजूदा वक्त में डॉक्टर, नर्स और तमाम स्वास्थ्य कर्मी कोरोना मरीजों की सेवा में जुटे हैं। अपनी जान की परवाह किए बिना वो दिन-रात काम कर रहे हैं। ऐसे में बंगाल सरकार ने उनके सम्मान में एक जुलाई को डॉक्टर्स डे पर अवकाश की घोषणा की है। इस दिन सभी कार्यालय और संस्थान बंद रहेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से इन दिनों को नेशनल हॉलिडे घोषित करने की मांग की है।
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना महामारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन सरकार वायरस के रोकथाम पर जोर दे रही है। सामाजिक दूरी और मास्क कोरोना से लड़ने का सबसे बेहतर विकल्प है। गरीब लोगों के पास मास्क खरीदने के भी पैसे नहीं हैं, जिस वजह से सरकार ने 3 करोड़ मास्क खरीदने का फैसला किया है। ये मास्क स्कूली छात्रों, फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर, पुलिस और फायर सर्विसेज के स्टाफ, स्वयंसेवक, गरीबों आदि को दिए जाएंगे।
बंगाल
में
17
हजार
मामले
केंद्रीय
स्वास्थ्य
मंत्रालय
के
ताजा
आंकड़ों
की
बात
करें
तो
देश
में
कोरोना
के
5,48,318
केस
हैं।
वहीं
अब
तक
3,21,723
लोग
ठीक
हो
चुके
हैं,
जबकि
16,475
लोगों
की
जान
गई
है।
पश्चिम
बंगाल
भी
कोरोना
से
बुरी
तरह
प्रभावित
है,
जहां
पर
17,283
मामले
सामने
आए
हैं।
जिसमें
639
लोगों
की
मौत
हुई
है,
जबकि
8,947
लोग
ठीक
हुए
हैं।