संघ के बड़े नेता का विवादित बयान, भीख मांगना भी एक रोजगार है
इंद्रेश कुमार 13 फरवरी को इंदौर के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इंद्रेश कुमार ने कहा कि आप अपने परिवार के साथ निकलते हैं और बाजार में पकौड़े के ठेले पर पकौड़ा खाकर खुश होते हैं
नई दिल्ली। संघ के बड़े नेता इंद्रेश कुमार ने एक विवादित बयान दिया है। इंद्रेश कुमार ने कहा 'भीख मांगना भी एक रोजगार है। देश के 20 करोड़ लोग भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं। जिस परिवार में पांच पैसे की कमाई नहीं होती उस परिवार का सदस्य भीख मांगकर परिवार का गुजारा कर सकता है। ये कोई छोटा काम नहीं है।' आरएसएस नेता का ये बयान विपक्ष को निशाना साधने का एक और मौका दे सकता है। इससे पहले पीएम मोदी के पकौड़े वाले बयान पर विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
पकौड़े वाले बयान का बचाव
इंद्रेश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी के पकौड़ा वाले बयान का बचाव किया है। उन्होंने उसे सही ठहराते हुए कहा कि देश के 15 करोड़ से ज्यादा लोगों का व्यवसाय पकौड़ा तलना है। इसे रोजगार कहा जाना ही चाहिए। जो लोग पकौड़ा तलने को रोजगार नहीं समझते उनकी सोच पर दुख होता है।
पकौड़े बेचने का काम छोटा नहीं है
इंद्रेश कुमार 13 फरवरी को इंदौर के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इंद्रेश कुमार ने कहा कि आप अपने परिवार के साथ निकलते हैं और बाजार में पकौड़े के ठेले पर पकौड़ा खाकर खुश होते हैं, अगर इस काम को भी हीन समझा गया तो हिन्दुस्तान को का कुछ नहीं हो सकता है। बता दें कि पीएम मोदी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर कोई शख्स पकौड़ा बेचकर भी अपनी जिंदगी चलाता है तो यह भी एक किस्म का रोजगार है।
खेती भी एक बड़ा रोजगार है
इंद्रेश कुमार ने इस कार्यक्रम में कहा कि खेती भी एक बड़ा रोजगार है। इंद्रेश ने कहा कि आप कितने भी बड़े हो जाएं, खेती आप नहीं छोड़ सकते हैं, उन्होंने कहा कि यूनानी, रोमन और ग्रीक सभ्याताओं को खेती की हीन भावना की दृष्टि से देखने की कीमत चुकानी पड़ी। यहां के लोगों के सामने ऐसी स्थिति आ गई थी कि इन्हें जानवर खाना पड़ा।
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