सामने आई 'पाकिस्तान जिंदाबाद' कहने वाली अमूल्या की फेसबुक पोस्ट, पाक और बांग्लादेश को लेकर लिखी थी ये बात
बेंगलुरु। गुरुवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आयोजित रैली में उस समय हंगामा मच गया जब एक लड़की अचानक मंच से 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने लगी। इस लड़की का नाम अमूल्या लियोन है और जिस समय यह 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रही थी। अमूल्या को दिसंबर 2019 से ही बेंगलुरु में सुर्खियां मिलने लगी थी। उस समय देश के बाकी हिस्सों की ही तरह यहां पर सीएए के खिलाफ प्रदशर्न शुरू हो गए थे। अमूल्या भी इन प्रदर्शनों में जाती और उसकी तेज-तर्रार छवि का उसको काफी फायदा मिलता था।
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कॉलेज एक्टिविस्ट अमूल्या की फेसबुक पोस्ट
अमूल्या एक कॉलेज एक्टिविस्ट है और पहले भी उसकी तरफ से इस तरह के बर्ताव का प्रदर्शन किया जा चुका है। अमूल्या ने 16 फरवरी को भी एक फेसबुक पोस्ट की थी। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि वह सभी देशों के जिंदाबाद के नारे लगाएंगी जिसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल हैं। अमूल्या की पोस्ट में लिखा था, 'सबके लिए जिंदाबाद जो लोगों की सेवा करते हैं क्योंकि मैं किसी देश को जिंदाबाद बोलती हूं तो मैं किसी अलग देश का हिस्सा नहीं बनती हूं।' उसके पिता वाजी का कहना है कि उन्होंने हमेशा अपनी बेटी से कहा था कि वह इस तरह के बयान देने से बचे या फिर मुसलमानों के साथ न मिलेजुले, मगर उसने कभी उनकी नहीं सुनी।
जयनगर के कॉलेज में पढ़ती है अमूल्या
अमूल्या के फेसबुक प्रोफाइल को देखने पर जानकारी मिलती कि वह बेंगलुरु के एनएमकेआरवी कॉलेज फॉर वीमेन में पढ़ती हैं। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने से पहले अमूल्या ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी एक पोस्ट की थी। इस पोस्ट में उसने पीएम मोदी की वह फोटोग्राफ शेयर की थी जिसमें वह एक मुसलमान से हाथ मिला रहे हैं। अमूल्या ने इसके साथ ही लिखा था, 'पीएम मोदी मुसलमानों से नफरत नहीं करते हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। सिर्फ आरएसएस और संघियों को दूसरे धर्म के लोगों से नफरत है।' अमूल्या के तेवर शुरू से ही बागी थी और उसकी फेसबुक पोस्ट्स से भी इस बात की तरफ इशारा मिलता है।
देशद्रोह का केस दर्ज
19 साल की अमूल्या पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने अमूल्या को 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया है। इस पूरे मसले पर अमूल्या के पिता का भी बयान आ गया है। उसके पिता जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के स्थानीय नेता हैं। पिता ने बेटी के एक्शन को पूरी तरह से गलत करार दिया है। अमूल्या ने टिंडर जैसी हुकअप एप्स की मदद तक ली थी। इस एप की मदद से भी उन्होंने सीएए के विरोध में जारी प्रदर्शनों के लिए समर्थन जुटाने की कोशिशें की थीं जो कि शहर के अलग-अलग हिस्सों में जारी थे।
किया था एफबी ब्लॉक होने का दावा
जनवरी माह के अंत तक अमूल्या, हर घर में एक जाना-माना नाम बन चुकी थीं। हर रैली में उन्हें देखा जाने लगा था। वह हर रैली में माइक ले लेती और बोलना शुरू कर देती। अखबार डेक्कन हेराल्ड ने यहां तक दावा किया है कि अमूल्या ने उनके एक रिपोर्टर से दावा किया था कि पुलिस उन पर नजर रखे हुए है और उनका फेसबुक अकांउट भी ब्लॉक कर दिया गया है।